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Chandigarh News: चंडीगढ़ से लगातार पलायन हो रहे उद्योग, उद्यमी बोले-न इकाइयों का प्रसार कर सकते हैं न बदलाव Chandigarh News Updates

Chandigarh News: चंडीगढ़ से लगातार पलायन हो रहे उद्योग, उद्यमी बोले-न इकाइयों का प्रसार कर सकते हैं न बदलाव Chandigarh News Updates

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चंडीगढ़। ट्रैक्टर पार्ट्स के लिए एक बड़ा हब रहे चंडीगढ़ का उद्योग अब हाशिए पर है। उद्योगों का प्रसार और बदलाव औद्योगिक इकाइयों की आवश्यकता है। उद्यमियों का कहना है कि न प्रसार कर सकते हैं न ही बदलाव। जरा सा बदलाव करने पर उनको प्रशासन की ओर से लाखों रुपये के वायलेशन के नोटिस थमा दिए जाते हैं।

कई उद्यमियों ने औद्योगिक आवश्यकताओं को देखते हुए मोहाली, डेराबस्सी और बद्दी के साथ बरवाला का रुख कर लिया है। चंडीगढ़ में करीब 2800 इकाइयां हैं जिसमें से तीस फीसदी ने या तो काम बंद कर दिया है या फिर वो शिफ्ट हो गए हैं।

पहले ट्रैक्टर पार्ट्स बनते थे, अब स्टील और फर्नीचर

चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 और 2 में जहां पहले ट्रैक्टर के पार्ट्स, रेलवे पार्ट्स और नट बोल्ट बनते थे वहीं अब ऐसी इकाइयां कम रह गई हैं। अब कारों के शो रूम, होटल, स्टील की छोटी इकाइयां और फर्नीचर की इकाई के साथ इलेक्ट्रिकल यनिट्स ही हैं।

एमएसएमई एक्ट के लागू होने से मिलेगी राहत

उद्योगपतियों ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू एमएसएमई एक्ट को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए तो न सिर्फ इंडस्ट्रियलिस्ट रुकेंगे बल्कि प्रशासन का रेवेन्यू बेहतर हो जाएगा। उद्योगपतियों का कहना है कि यदि एमएसएमई एक्ट के लागू होने से सर्विस सेक्टर भी इंडस्ट्री में आ जाएगा। जिससे उद्योगपतियों को राहत मिलेगी।

कोट्स

जरूरत के अनुसार उद्योग में बदलाव चाहिए। ऐसी स्थिति कई उद्यमियों ने यहां या तो काम बंद कर दिया है या फिर यहां से शिफ्ट हो गए हैं। यदि इंडस्ट्री को पनपने देना है तो भारत सरकार की एमएसएमई नीति के अनुसार सभी इंडस्ट्री को स्वतंत्रता देना चाहिए और प्रशासन को अपनी नीतियां लचीली बनानी होंगी। -नवीन मंगलानी, वाइस प्रेसीडेंट, चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज

कोट्स

चंडीगढ़ से उद्योग शिफ्ट हो रहे हैं। वजह है कि यहां हमको काम करने के लिए ग्राउंड फ्लोर पर कुल साठ फीसदी एरिया ही मिलता है। मोहाली में काम करने के लिए एक कनाल में पांच फ्लोर मिलते हैं। ऐसी स्थिति में लगभग तीस फीसदी यूनिट्स ने काम बंद कर दिया है। मुझे भी अपनी इंडस्ट्री को बढ़ाना था, मैंने मोहाली में यूनिट लगाई। कई उद्यमियों को इतने मिसयूज के नोटिस आ चुके हैं कि वो परेशान हो गए हैं। -अवि भसीन, अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती

कोट्स

हमारा उद्देश्य इंडस्ट्री का माहौल बेहतर बनाना है। इसी वजह से हम इंडस्ट्रियल पालिसी पर काम करते रहते हैं। इंडस्ट्री का फीडबैक भी लेते हैं। हमारा प्रयास है कि उद्योग का पलायन रोकें। -पवित्र सिंह, डायरेक्टर इंडस्ट्री, चंडीगढ़

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