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रोहतक। भालौठ के वीर चक्र विजेता कैप्टन प्रह्लाद सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय और कंसाला के राजकीय उच्च विद्यालय में आरओ वाटर कूलर बंद पड़े हैं। विद्यार्थियों को गांव के जलघर से आने वाली सप्लाई या नलकूप से प्यास बुझानी पड़ रही है।
हालांकि, भालौठ के विद्यालय में कैंपर भी सहारा बने हुए हैं लेकिन यह सवाल उठता है कि विद्यार्थियों को मिल रहा पानी शुद्ध है या नहीं? क्योंकि गांवों में जलघर से आने वाले पानी का इस्तेमाल मात्र नहाने व दूसरे कार्यों के लिए किया जाता है।
कंसाला व भालौठ के राजकीय विद्यालयों में टीम ने सोमवार को पड़ताल की। दोनों ही स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए पेयजल की उचित व्यवस्था न होना शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े कर रहा है।
कंसाला के राजकीय विद्यालय में जर्जर भवन के निकट टंकी में पानी को स्टोर किया जाता है और उसी में लगे नलकूप से विद्यार्थी प्यास बुझाते हैं। विद्यालय के 60 प्रतिशत भवन जर्जर हैं।
हालांकि, छठी से 10वीं कक्षा तक के विद्यार्थी के लिए कमरों को सुधारा गया है जहां 60 से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। विद्यालय में स्थायी स्वीपर न होने से घास-फूस और गंदगी है।
सुबह तीन कक्षाओं के विद्यार्थी खुले में बैठे दिखाई दिए। एक विद्यार्थी ने बताया कि पानी पीने के लिए नलकूप के पास आते हैं तो पुराने भवन में लटकते चमगादड़ों से डर रहता है, कहीं हमला न कर दें। स्कूल में सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है।
भालौठ स्कूल में मिड-डे मील वर्कर्स का कहना कि अक्सर सप्लाई का पानी दूषित आता है। शिक्षक कैंपर मंगवाते हैं जिनसे मध्याह्न का भोजन और पीने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। टोंटियों व वॉश बेसिन पर काई साफ दिखाई दे रही थी। शिक्षकों का कहना कि यह पानी साफ है, इसे भी पीने के लिए अक्सर प्रयोग में ले लिया जाता है। यहां विद्यालय में 148 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं और दोनों विद्यालयों में कोई स्थायी प्राचार्य नहीं है। संवाद
रोहतक के कंसाला राजकीय उच्च विद्यालय में कमरे में बंद पड़ा आरओ वाटर कूलर। संवाद

रोहतक के कंसाला राजकीय उच्च विद्यालय में कमरे में बंद पड़ा आरओ वाटर कूलर। संवाद

रोहतक के कंसाला राजकीय उच्च विद्यालय में कमरे में बंद पड़ा आरओ वाटर कूलर। संवाद
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Rohtak News: आरओ वाटर कूलर बंद…नलकूप व कैंपरों से प्यास बुझा रहे विद्यार्थी


