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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तेजी से बढ़ रही है और अब इसे बनाने वाले भी चिंता जताने लगे हैं. ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI ने वार्निंग दी है कि AI का अगला चरण ‘सुपरइंटेलीजेंस’ तबाही भी ला सकता है. कंपनी ने अपने ब्लॉग में लिखा कि AI के विकास की गति ने ज्यादातर इंसानी समझ को पीछे छोड़ दिया है. आम लोग भले ही AI को प्रोडक्टिविटी टूल्स, चैटबॉट्स और इमेज जनरेटर के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन उसके पास ऐसे सिस्टम है, जो बौद्धिक क्षमता में भी इंसानों को पीछे छोड़ने में काबिल हैं.
सुपरइंटेलीजेंस से हो सकते हैं ये फायदे
OpenAI ने कहा कि सुपरइंटेलीजेंस बड़े बदलाव ला सकती है. इससे लोगों को अपनी सेहत को समझने में मदद मिलेगी. इससे मैटेरियल साइंस जैसे क्षेत्रों में काम तेज होगा और दवाओं को भी पहले की तुलना में कम समय में तैयार किया जा सकेगा. साथ ही इससे पर्सनलाइज्ड एजुकेशन के रास्ते भी खुलेंगे.
फायदे बहुत, लेकिन तबाही का भी खतरा- OpenAI
OpenAI ने कहा कि सुपरइंटेलीजेंस के बहुत फायदे हैं, लेकिन अगर जरूरी सुरक्षा उपाय नहीं किए जाते तो सुपरइंटेलीजेंट सिस्टम तबाही भी ला सकते हैं. इसे देखते हुए कंपनी ने एडवांस्ड AI सिस्टम के लिए वैश्विक स्तर पर नए सुरक्षा उपाय और साइबर सिक्योरिटी स्टैंडर्ड बनाने की मांग की है. साथ ही AI रेजिलिएंस इकोसिस्टम और सेफ्टी प्रिंसिपल बनाने पर जोर दिया है. OpenAI ने कहा कि किसी भी सुपरइंटेलीजेंट सिस्टम को उसे कंट्रोल करने के मजबूत तरीकों के बिना डिप्लॉय नहीं किया जाना चाहिए.
सुपरइंटेलीजेंस की रेस में शामिल हुई माइक्रोसॉफ्ट
टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट भी अब सुपरइंटेलीजेंस की दौड़ में शामिल हो गई है. डीपमाइंड के को-फाउंडर मुस्तफा सुलेमान ने बीते सप्ताह MAI Superintelligence Team बनाने का ऐलान किया था. सुलेमान ने कहा कि यह टीम एडवांस्ड AI कैपेबिलिटी पर काम करेगी, जो लोगों और मानवता की सेवा में होगी.
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