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चंडीगढ़ में स्थित मानव अधिकारी ऑफिस।
हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने मृतक प्रिंस प्रकरण में फरीदाबाद नगर निगम की निष्क्रियता और आदेशों की निरंतर अवहेलना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए नगर निगम आयुक्त, फरीदाबाद के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
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आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने आदेश में कहा है कि आयुक्त स्पष्ट करें कि आयोग के पूर्व में पारित स्पष्ट और बाध्यकारी निर्देशों की अनुपालना में विफल रहने पर “उनके विरुद्ध मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 13(2) के अंतर्गत अनुशासात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। आयोग ने यह नोटिस फरीदाबाद में प्रिंस नाम के युवक की डूबने से मौत होने के मामले में समय पर मुआवजा मुहैया नहीं करवाए जाने पर दिया है।
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा।
कमिश्नर का आचरण उदासीनता वाला
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा द्वारा पारित आदेश में यह कहा गया है कि “नगर निगम फरीदाबाद ने आयोग के आदेशों की अवमानना करते हुए अधिकारियों की जवाबदेही निर्धारित करने और मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलाने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया है। यह आचरण न केवल प्रशासनिक उदासीनता को प्रदर्शित करता है, बल्कि नागरिकों के मूलभूत अधिकारों के प्रति घोर असंवेदनशीलता का परिचायक है।
जिम्मेदारी से पलायन बर्दाश्त नहीं
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने कारण बताओ नोटिस जारी कर कड़ा संदेश दिया है कि “मानव जीवन की सुरक्षा सर्वोपरि है। प्रशासनिक लापरवाही, आदेशों की अवमानना और जिम्मेदारी से पलायन किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
साथ ही सख्त टिप्पणी भी की है कि नगर निगम अपनी वैधानिक जिम्मेदारियों को उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग पर स्थानांतरित कर “संस्थागत टालमटोल” में लिप्त है, जिससे नागरिक भ्रम और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है। आयोग ने कहा कि इस प्रकार की जवाबदेही हीनता लोक प्रशासन में गिरावट का द्योतक है और इससे आम नागरिकों के अधिकार प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते हैं।
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फरीदाबाद कमिश्नर को हरियाणा मानव अधिकार आयोग का नोटिस: मृतक के परिजनों को देरी से मुआवजे पर कार्रवाई, कहा-मानव जीवन की कीमत समझें अधिकारी – Panchkula News

