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सैकत चक्रवर्ती।
पिछले हफ्ते भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर चुनाव जीतकर इतिहास रचा। अब भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेट सैकत चक्रवर्ती का नाम चर्चा में है।
नैंसी पेलोसी के रिटायरमेंट की घोषणा के बाद सैन फ्रांसिस्को की संसद सीट खाली हो गई है। अब 39 साल के सैकत को डेमोक्रेटिक नॉमिनेशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
ममदानी की तरह सैकत भी प्रोग्रेसिव लीडर्स की नई लहर का हिस्सा हैं। वे पुराने डेमोक्रेट विचारों को बदलना चाहते हैं। ममदानी की जीत पर सैकत ने एक्स पर लिखा, ‘जोहरान ने साबित किया कि चाहे विरोधी कितना भी पैसा खर्च कर ले, अगर आम लोग बदलाव के लिए एकजुट होकर काम करते हैं तो उन्हें हराया जा सकता है।’
कैंपेन स्टाइल के चलते चक्रवर्ती की तुलना ममदानी से हो रही
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने चक्रवर्ती की तुलना ममदानी से की है, खासकर उनके प्रचार करने के तरीके के कारण। ममदानी की तरह, चक्रवर्ती ने भी बदलाव और सुधार को अपने अभियान का अहम हिस्सा बनाया है।
दोनों की कैंपेन स्टाइल एक जैसी है। सोशल मीडिया पर जोर, महंगाई और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म मुख्य मुद्दे रहे हैं। अप्रैल में कैंपेन शुरू करते हुए सैकत ने कहा था, ‘यह मौका है कामकाजी लोगों के लिए असली मूवमेंट, क्रांति लाने का।’

सैकत चक्रवर्ती न्यूयॉर्क से अमेरिकी सांसद एलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज के साथ।
चक्रवती अमीरों पर टैक्स बढ़ाने के पक्षधर
चक्रवती भी ममदानी की तरह अमीरों पर टैक्स बढ़ाने के पक्षधर हैं। वो वेल्थ टैक्स की बात करते हैं, साथ ही उन्होंने खुद पर भी टैक्स लगाने की बात कही थी। सैकत बताते हैं कि उनका मोटिव डेमोक्रेटिक पार्टी का ब्रांड पूरी तरह बदलना हैं। हालांकि, उनके बोल्ड विचारों से पार्टी में कुछ विवाद भी रहता है।
अब सैकत सैन फ्रांसिस्को की सीट के लिए तैयारी कर रहे हैं। इस सीट पर 1987 से नैंसी पेलोसी काबिज थीं। अब उनके रिटायरमेंट के बाद यह सीट खाली है।
5 फरवरी, 2025 को, चक्रवती ने 2026 में होने वाले 11वें कांग्रेस जिले के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। अपनी घोषणा में उन्होंने कहा, ‘डेमोक्रेटिक पार्टी को अब नए नेतृत्व की जरूरत है।’

सोशल मीडिया पर चक्रवर्ती की तुलना ममदानी से की जा रही है।
कौन हैं सैकत चक्रवर्ती? सैकत का जन्म अमेरिका के टेक्सास में बंगाली माता-पिता के घर हुआ। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की, जहां से उन्होंने कम्प्यूटर साइंस में डिग्री ली।
इसके बाद वे सैन फ्रांसिस्को चले गए और टेक-स्टार्टअप के को-फाउंडर बने। बाद में उन्होंने वित्तीय सेवा कंपनी स्ट्राइप ज्वाइन कर ली। उन्होंने पहली बार राजनीति में दिलचस्पी 2015 में दिखाई, जब बर्नी सैंडर्स के राष्ट्रपति अभियान में काम करने के लिए टेक उद्योग छोड़ दिया।
हालांकि इस समय सैंडर्स को जीत नहीं मिली, लेकिन चक्रवर्ती ने जमीनी स्तर के स्वयंसेवकों तक पहुंचने के लिए एक डिजिटल टूल बनाकर डेमोक्रेट को प्रभावित किया।
दो साल बाद, उन्होंने जस्टिस डेमोक्रेट्स की सह-स्थापना की, जो एक राजनीतिक समूह था जिसका उद्देश्य युवा और नए उम्मीदवारों को लंबे समय से पद पर आसीन लोगों के खिलाफ चुनाव लड़ने में मदद करना था।
सुभाषचंद्र बोस की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनने पर विवाद से घिरे
चक्रवर्ती ने 2018 में (AOC की तत्कालीन चीफ ऑफ स्टाफ) ने एक वीडियो इंटरव्यू के दौरान सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर वाली हरी टी-शर्ट पहनी थी। यह वीडियो न्यूज चैनल पर दिसंबर 2018 में प्रसारित हुआ था, लेकिन जुलाई 2019 में वायरल हो गया।
दक्षिणपंथी मीडिया और कुछ यहूदी संगठनों ने इसे उठाया और चक्रवर्ती पर नाजी विचारधारा का प्रचार करने का आरोप लगाया। चक्रवर्ती ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे सांस्कृतिक गर्व बताया।
उन्होंने कहा कि वे बोस को स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं, न कि नाजी। फिलहाल अमेरिकी संसद में 5 भारतवंशी हैं, जो किसी भी एशियाई मूल के समूह में सबसे ज्यादा हैं।
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ममदानी के बाद सैकत चक्रवर्ती सांसद बनने की रेस में: प्रोग्रेसिव लीडर्स माने जाते; नैंसी पेलोसी के रिटायरमेंट से भारतीय डेमोक्रेट के लिए रास्ता साफ
