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अंबाला सिटी। बेसहारा पशुओं की समस्या पर अब सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान के बाद किसान सक्रिय हो गए हैं। शनिवार को भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह ने अनाज मंडी के किसान भवन में बेसहारा पशुओं की समस्या को लेकर जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया। किसानों ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि 15 दिनों के भीतर जिला प्रशासन ने पशुओं को नहीं पकड़ा तो किसान बड़ा कदम उठाने को मजबूर होंगे। यहां तक कि किसानों ने पशुओं को एक बार फिर से उपायुक्त कार्यालय के बाहर छोड़ने की चेतावनी दी दी। किसानों का कहना था कि वह बेसहारा पशुओं की समस्या से तंग आ गए हैं। आए दिन इन पशुओं के कारण सड़क हादसे हो रहे हैं और उनकी फसलों को नुकसान पहुंच रहा है।
किसानों ने 15 दिन का दिया समय
भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के प्रधान अमरजीत सिंह मोहड़ी ने बताया कि बेसहारा पशुओं को आज के समय में सभी सार्वजनिक स्थानों पर देखा जा सकता है। वह हादसे का कारण भी बन रहे हैं। सरकार को आवारा पशुओं की समस्या का कोई न कोई विकल्प निकालना चाहिए। अगर 15 दिनों के भीतर जिला प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई तो किसान यूनियन की तरफ से सड़क पर घूमने वाले पशुओं को एकत्रित कर बढ़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे। जिस प्रकार से पिछली बार पूर्व विधायक असीम गोयल और उपायुक्त कार्यालय के पास पशुओं को छोड़ा था, वहीं प्रशासन कुत्तों की नसबंदी के साथ-साथ उनके रहने के लिए डॉग शेल्टर भी बनाए।
अधिकारियों का नंबर करें सार्वजनिक
किसान नेता जय सिंह जलबेड़ा ने बताया कि पहले तो पशु उनकी फसलों को ही खराब करते थे पर अब यह सड़क हादसों की वजह भी बन रहे हैं। बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए प्रशासन जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी लगा रहा है उनके नंबर भी सार्वजनिक किए जाने चाहिए, ताकि लोग भी बेसहारा पशुओं की अपने क्षेत्र से जानकारी दे सकें।
धान की कम उपज पर मिले मुआवजा
इस दौरान किसान नेताओं ने बारिश के कारण धान की फसल में हुए नुकसान और कम उपज काे लेकर भी अपनी मांग रखी। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने अंबाला में पिछले वर्ष के मुकाबले धान की कम पैदावार की बात कही है, इसका सर्वे कराने के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाना चाहिए, इसके साथ ही इस सीजन में जिले में कितनी धान आई इसको भी सार्वजनिक किया जाए ताकि दूसरे राज्याें से आने वाले धान को रोका जा सके।
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