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तिब्बती मूल के अमेरिकी नेता आफताब कर्म सिंह पुरवाल को ओहायो का फाइल फोटो।
ओहायो के सिनसिनाटी शहर में तिब्बती मूल के अमेरिकी नेता आफताब कर्म सिंह पुरवाल को मेयर के रूप में दोबारा चुना गया है। हाल ही में हुए आम चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के पुरवाल ने रिपब्लिकन उम्मीदवार कोरी बोमन को भारी मतों से हराया। बोमन अमेरिकी उपराष्ट
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बता दें कि तिब्बत निर्वासित सरकार मुख्यालय धर्मशाला में हैं। तिब्बती शरणार्थी दुनिया के किसी भी देश में रहें, इससे तिब्बत आजादी आंदोलन को समर्थन मिलता है और दलाई लामा धर्मशाला में रहते हैं इसलिए इनका आशीर्वाद लेने यह समय समय पर धर्मशाला आते हैं।
चुनावी पर्यवेक्षकों के अनुसार, सामुदायिक पुलिसिंग, सस्ते आवास और छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने जैसे उनके फैसलों ने विभिन्न वर्गों और समुदायों का विश्वास जीता।
सिनसिनाटी के मेयर आफताब कर्म सिंह पुरवाल, कशाग (तिब्बत की निर्वासित सरकार की कैबिनेट) के साथ एक फ़ाइल फोटो में दिखाई दे रहे हैं।
पुरवाल बोले- राजनीति नहीं- भरोसे की जीत
अपनी जीत के बाद दिए गए भाषण में पुरवाल ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, “यह जीत सिर्फ राजनीति की नहीं, बल्कि उस भरोसे की है जो हमें जोड़ता है, चाहे हमारी जाति, धर्म या पहचान कुछ भी हो। हम सब मिलकर एक ऐसा शहर बना सकते हैं जो सभी के लिए काम करे।”
आफताब पुरवाल पहली बार 2021 में सिनसिनाटी के 70वें मेयर चुने गए थे, तब वे शहर के पहले एशियाई-अमेरिकी नेता बने थे। ओहायो के ज़ेनिया में जन्मे आफताब की मां तिब्बती और पिता भारतीय मूल के हैं। पुरवाल अक्सर कहते हैं कि उनके सार्वजनिक जीवन की प्रेरणा उनकी अप्रवासी पृष्ठभूमि से मिली है।

वर्ष 2022 में भारत के धर्मशाला दौरे के दौरान 14वें दलाई लामा से आफताब कर्म सिंह पुरवाल मुलाकात करते हुए।
शरणार्थी के तौर पर तिब्बत से आई थी मेरी मां : पुरवाल
उन्होंने बताया, “मेरी मां शरणार्थी के तौर पर तिब्बत से आई थीं। मेरे माता-पिता ने हमें अवसर देने और अमेरिकी सपने को जीने के लिए हर संभव कोशिश की।”
राजनीति में आने से पहले आफताब पुरवाल ने कानून के क्षेत्र में काम किया। वे अमेरिकी अटॉर्नी के विशेष सहायक रहे और प्रॉक्टर एंड गैंबल में वैश्विक ब्रांड वकील के तौर पर भी सेवाएं दीं। वर्ष 2016 में उन्हें हैमिल्टन काउंटी का क्लर्क ऑफ कोर्ट्स बनाया गया था। वे सौ साल में इस पद को संभालने वाले पहले डेमोक्रेट थे।
वर्ष 2022 में भारत के धर्मशाला दौरे के दौरान उन्होंने 14वें दलाई लामा से मुलाकात की थी। उस समय उन्होंने कहा था, “हम तिब्बत के लोगों के संघर्ष को समझते हैं, वे अकेले नहीं हैं, दुनिया उन्हें नहीं भूली है।”
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आफताब पुरवाल फिर बने सिनसिनाटी के मेयर: तिब्बती मूल के पुरवाल बोले- यह विश्वास की जीत है, धर्मशाला में दलाई लामा से लिया था आशीर्वाद – Dharamshala News