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सिरसा। जिले में शुक्रवार को सोसायटी के माध्यम से 80 खरीद केंद्रों पर डीएपी का वितरित किया गया। खरीद केंद्रों पर शांतिपूर्वक खाद का वितरण हुआ। वहीं सिरसा मंडी में आने वाले किसानों को भी आठ बैग प्रति किसान के हिसाब से वितरित किए गए। सिरसा के दो खरीद केंद्रों पर 180 टोकन बांटे गए। अधिकारियों के अनुसार अभी तक 41,600 एमटी डीएपी पहुंची है।
इसमें से शुक्रवार तक 38000 एमटी खाद का वितरण किया गया है। वहीं, सिरसा में 3600 एमटी का स्टॉक बचा हुआ है। क्यूसीआई अधिकारी डाॅ. अमित कुमार ने बताया कि 60 प्रतिशत डीएपी का स्टॉक सोसायटी पर वितरित किया जा रहा है। जिससे कि किसानों को ग्रामीण एरिया में डीएपी का वितरित किया जा सके। ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्र में भी वितरण हो रहा है।
डीएपी की कोई कमी जिले में नहीं है और कहीं से भी किसान डीएपी खरीद सकता है। प्राइवेट एजेंसियों के पास भी डीएपी का स्टॉक है। शांतिपूर्व जिले में खाद वितरित हो पा रही है और रेलवे यार्ड में स्टॉक आया हुआ है। जल्द ही वह पूरी तरह से सोसायटी व अन्य एजेंसियों के पास पहुंच जाएगा।
मंडी में अब सोमवार से होगी धान की होगी खरीद
अनाज मंडी में धान की खरीद अब सोमवार को होगी। धान की खरीद को आढ़तियों ने बंद कर दिया है, क्योंकि मंडी में आवागमन की व्यवस्था नहीं रही है। इसके साथ ही मंडी में जगह बनाना जरूरी है। इसलिए अब दो दिन खरीद बंद रहेगी। खरीद बंदर होने से मंडी में पड़ा हजारों मीट्रिक टन धान आसानी से उठाया जा पाएगा। मंडी के साथ एडिशनल मंडी रानियां बाईपास व बरनाला रोड पर धान की उठान की जाएगी। आंकड़ों के अनुसार अब तक 36 लाख मीट्रिक टन धान की आवक खरीद हो चुकी है।
वाहनों में ओवरलोडिंग चल रहा काम
धान की उठान के लिए नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। ट्रकों में बड़े स्तर पर ओवरलोडिंग हो रही है। वहीं, ट्रैक्टर-ट्राॅली भी ओवरलोडिंग चल रही है। इनके कारण जहां सड़कों को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं, आमजन के लिए यह खतरा बने हुए है। इन पर प्रशासनिक तौर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
दो दिन मंडियों से बड़े स्तर पर उठान करवाया जाएगा। जिससे कि मंडी में धान के लिए व्यवस्था बन सके। परचेज एजेंसियों से भी बड़े स्तर पर धान की उठान करने की मांग की हे। जितनी जल्दी उठान होगी, किसान के खाते में उतनी जल्दी पैसा आएगा।
– प्रेम बजाज, प्रधान, आढ़ती एसोसिएशन।
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Sirsa News: डीएपी का 3600 मीट्रिक टन का भंडारण बचा, 80 केंद्रों पर बंटी खाद

