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शुरुआत में इनका कोई लक्षण नहीं दिखता. लेकिन जैसे-जैसे पथरी बढ़ती है, दर्द के साथ मतली, उल्टी और तेल से बने खाना खाने के बाद बेचैनी महसूस होती है.

यह परेशानी खासतौर पर महिलाओं, 40 साल से ऊपर के लोगों और मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में अधिक होती है. बहुत तेजी से वजन कम करने या बार-बार गर्भधारण करने से भी जोखिम बढ़ जाता है.

कई बार यह समस्या गंभीर रूप ले लेती है जिसे एक्यूट कोलेसिस्टाइटिस कहा जाता है. इसमें गॉलब्लैडर पूरी तरह ब्लॉक हो जाता है और मरीज को बुखार, ठंड लगना और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है.

गॉलस्टोन से बचने के लिए तली-भुनी चीजें कम खाएं, वजन धीरे-धीरे घटाएं और रोजाना हल्का व्यायाम करें. पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है ताकि शरीर में पित्त का संतुलन बना रहे.

साल में एक बार पेट का अल्ट्रासाउंड करवाना सबसे बेहतर तरीका है ताकि गॉलस्टोन जैसी समस्या का पता समय रहते चल सके और इलाज आसान हो.
Published at : 07 Nov 2025 01:46 PM (IST)
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