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Bollywood Cult Movie : कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जिनके हर कैरेक्टर-हर डायलॉग दर्शकों के जेहन में बस जाते हैं. सालों-साल इन कैरेक्टर्स-डायलॉग को लोग याद रखते हैं. 13 साल पहले ऐसी ही एक फिल्म रिलीज हुई थी जिसमें गैंगस्टर के रोल में नजर आए डायरेक्टर ने तो महफिल ही लूट ली थी. उन्होंने अपने किरदार को हमेशा के लिए अमर कर दिया. यह हिंदी फिल्म एक मास्टरपीस से कम नहीं है. फिल्म में इमोशन-कॉमेडी-एक्शन….वो सबकुछ था जो एक आम आदमी को फिल्म में देखना चाहता है. यही वजह है कि फिल्म आज कल्ट क्लासिक मूवी में शामिल है. इस मूवी को देखने और चाहने वालों की एक लंबी फेहरिस्त है.
गैंग्स ऑफ वासेपुर की कहानी जीशान कादरी ने लिखी थी. स्क्रीनप्ले अनुराग कश्यप-अखिलेश जायसवाल ने लिखा था. फिल्म में मनोज बाजपेयी, तिग्मांशु धूलिया, पंकज त्रिपाठी, रिचा चड्ढा, रीमा सेन, पीयूष मिश्रा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, जयदीप अहलावत, विनीत कुमार सिंह, जमील खान, हमा कुरैशी, अनुरिता झा जैसे सितारे नजर आए थे. जीशान कादरी ने फिल्म में डैफिनेट का किरदार निभाया था और उन्होंने ही फिल्म की कहानी लिखी थी. वो धनबाद के वासेपुर के रहने वाले हैं. वासेपुर की कहानी उन्हीं के शहर के दो गैंग्स्टर की रियल लाइफ की कहानी है, जिसे फिल्म में दिखाया गया है.

गैंग्स ऑफ वासेपुर अनुराग कश्यप के करियर की ऐसी फिल्म है, जिसे सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. फिल्म के दोनों पार्ट में कुल 27 गाने रखे गए थे. गीतकार वरुण ग्रोवर और पीयूष मिश्रा थे. पीयूष मिश्रा ने कहानी का नैरेशन भी किया था. फिल्म का म्यूजिक एल्बम बहुत ही अलग था. आजतक ऐसे गाने देखने को नहीं मिले. दोनों पार्ट का बजट लगभग 18 करोड़ का था. फिल्म के पहले पार्ट को बॉक्स ऑफिस पर जहां एवरेज वहीं दूसरे पार्ट को फ्लॉप करार दिया गया था लेकिन यह फिल्म आम दर्शकों को बहुत पसंद आई और आज इसकी गिनती कल्ट क्लासिक में होती है.

‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में तिग्मांशु धूलिया ने गैंगस्टर रामाधीर सिंह का किरदार निभाया था. यह किरदार रियल लाइफ में सूर्यदेव सिंह से इंस्पायर्ड था. सूर्यदेव सिंह की पहचान कभी कोयला माफिया के तौर पर भी रही. 1977 में जनता पार्टी से झरिया सीट से विधानसभा चुनाव जीता. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का उन्हें करीबी माना जाता था. मूल रूप से वो बलिया जिला के गोन्हिया छपरा गांव के रहने वाले थे और काम की तलाश में धनबाद आए थे. असल जिंदगी में रामाधीर सिंह, सूर्यदेव के भाई थे. रामाधीर भी झरिया सीट से विधायक रहे हैं. तिग्मांशु धूलिया बॉलीवुड के जाने-माने डायरेक्टर हैं. हासिल और पान सिंह तोमर जैसी कल्ट फिल्में उन्होंने बनाई हैं. यह पहला मौका था जब उन्होंने किसी फिल्म में कोई इतना बड़ा रोल निभाया था. यह किरदार हमेशा के लिए अमर हो गया. रामाधीर सिंह का नाम तिग्मांशु धूलिया के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया.

तिग्मांशु ने गैंग्स ऑफ वासेपुर की स्क्रिप्ट भी नहीं पढ़ी थी. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘अनुराग कश्यप को बहुत धन्यवाद. मैं तो एक्टिंग करता नहीं था. मैं कैमरे से बहुत डरता था. फिर पता नहीं मैंने कैसे एक्टिंग कर ली. सब ग्रहों का चक्कर है. मेरे मुंह से हां निकल गई. मैंने तो स्क्रिप्ट भी नहीं पढ़ी थी. मुझे लगा कि कोई छोटा-मोटा रोल होगा, देख लूंगा. फिर शूटिंग के 10-15 दिन पहले जब मेकअप वाले आए और बोले कि आपको 70 साल के उम्र के शख्स का किरदार निभाना है तो मेरे होश उड़ गए. फिल्म छोड़ने का समय बचा नहीं था.’

तिग्मांशु धूलिया ने अपने एक इंटरव्यू में रामाधीर सिंह के किरदार और अपनी एक्टिंग के बारे में खुलकर बात की थी. उन्होंने कहा था, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर से पहले मुझे कोई नहीं पहचानता था. मुंबई में यात्रा करने में परेशानी नहीं होती थी. वासेपुर से लोग पहचानने लगे. वो भी अच्छा लगता है. लोग मुझे बोलते हैं कि आप बहुत अच्छे एक्टर हैं, डायरेक्ट नहीं. यह कमेंट मुझे बहुत चुभता है.’

तिग्मांशु ने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में बिहारी नहीं बल्कि अवधी भाषा बोली थी. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर कैसे हो गई, ये बात सिर्फ ऊपर वाला जानता है. जब शूटिंग स्टार्ट हुई तो मैं पहले दिन अनुराग से मिला भी नहीं. हमारा पहला सीन था जिसके मुताबिक मैं, मेरा ऑनस्क्रीन बेटा और हमारा राइट हैंड आदमी कार में बैठे थे. जमीन के बारे में बात कर रहे थे. अनुराग से वॉकी-टॉकी में बात हो रही थी. मैंने कहा कि मैं बिहारी नहीं बोल पाऊंगा, सिर्फ अवधी बोलूंगा.’

तिग्मांशु धूलिया ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने कैसे रामाधीर सिंह के लिए रोल के लिए तैयारी की. रामाधीर सिंह की ओल्ड एज के हिसाब से अपनी आवाज को बदला था. उन्होंने बताया था, ‘डायलॉग बोलने के लिए पहले ठंडा पानी पी लेता था, फिर तुरंत बीड़ी पी लेता था. आइस वॉटर के साथ ताकि गला खराब हो जाए, सिगरेट नहीं बीड़ी पीता था. ताकि गले में खराश हो जाए और खराशी आवाज आए.’
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सिर्फ एक फिल्म में गैंगस्टर के रोल में नजर आया डायरेक्टर, अमर हो गया किरदार, कल्ट हिट बन गई मूवी

