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भिवानी। अधिकांश स्कूली बच्चों के दांतों और पेट में कीड़े हैं। यह जांच में सामने आ रहा है। स्कूल हेल्थ के जरिये स्वास्थ्य विभाग भी सरकारी स्कूलों और ईंट भट्ठों पर पहुंचकर बच्चों की सेहत की जांच कर गंभीर बीमारियों की पहचान में जुटा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल दवाई खिलाने का लक्ष्य रखा है।
इसमें 428347 बच्चों को पेट में कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी। स्कूल रेफरल सिस्टम के जरिए भी स्कूली बच्चे जिला नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे तो पेट में कीड़े होने से पीड़ित रहने की वजह से खून की कमी के शिकार हैं। ऐसे बच्चों का स्पेशल उपचार भी किया जा रहा है।
जिला नागरिक अस्पताल में स्कूल हेल्थ के लिए अलग से विंग बनाई गई है। यहां नोडल अधिकारी पूरे जिले भर में चलाए जा रहे स्कूली, आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले बच्चों के सेहत का अपडेट रखते हैं। ऐसे में कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित बच्चों की भी पहचान की जा रही है ताकि उनका समय रहते उपचार संभव हो सके। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी खून की कमी के शिकार मिल रहे हैं। इनमें ज्यादातर किशोर अवस्था में लड़कियां हैं।
स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक बुधवार को गांव के प्राथमिक केंद्र में टीकाकरण अभियान भी चला रहा है। विभाग की तरफ से अब तक दस साल की उम्र के 3900 बच्चों को टिटनेस के टीके लगाए जा चुके हैं वहीं 16 साल की उम्र के 2815 बच्चों को ये टीके लगे हैं। विभाग की ओर से ईंट भट्ठों पर भी टीकाकरण से छूट चुके बच्चों की पहचान कराई है।
स्कूली बच्चों की सेहत का चेकअप करने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्परता से काम कर रहा है। स्कूली बच्चों में खून की कमी, पेट में कीड़े के ज्यादातर मामले सामने आ रहे हैं, जिन्हें दवाई मुहैया कराई जा रही है। वहीं ईंट भट्ठों के अलावा टीकाकरण से वंचित बच्चों की पहचान कर उनका टीकाकरण करा रहे हैं।
– डॉ मनीष, जिला प्रतिरक्षक अधिकारी, जिला नागरिक अस्पताल भिवानी।
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Bhiwani News: स्कूली बच्चों के पेट में कीड़े, जांच में सामने आ रहे मामले