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हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) में ‘संसाधन प्रबंधन, सतत् कृषि, खाद्य, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य (सफर 2025)’ विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ सोमवार को हुआ। मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (एएसआरबी) के चेयरमैन डॉ. संजय कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि तीव्र विकास के इस युग में भूमि, जल और ऊर्जा संसाधनों पर बढ़ता दबाव मानव जीवन के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है। सतत् संसाधन प्रबंधन न केवल कृषि उत्पादन को टिकाऊ बनाता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करता है।
डॉ. संजय कुमार ने कहा कि बढ़ती आबादी के लिए पर्याप्त खाद्यान्न उत्पादन के साथ पशुधन के लिए चारा और दाने की उपलब्धता भी उतनी ही आवश्यक है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का विकास, खाद्य अपव्यय में कमी तथा किसानों को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण समय की मांग है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में संसाधन प्रबंधन की भूमिका पर बल देते हुए किसानों से नैनो फर्टिलाइजर, रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के संतुलित उपयोग की अपील की। इस अवसर पर विषय से संबंधित कई पुस्तकों का विमोचन किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने कहा कि कृषि, खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं। जलवायु परिवर्तन, जल संकट, भूमि क्षरण और रासायनिक प्रदूषण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सतत संसाधन प्रबंधन को अपनाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में विश्वविद्यालय ने राया, गन्ना, मूंग और गेहूं सहित 44 उन्नत किस्में विकसित की हैं, जिन्होंने विभिन्न राज्यों में रिकॉर्ड उत्पादन दिया है।
विशिष्ट अतिथि फ्रांस के आर्थर रीडैकर ने सतत कृषि और खाद्य पर्यावरण पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मृदा में ऑर्गेनिक कार्बन का संतुलित स्तर बनाए रखते हुए लैंड यूज एफिशिएंसी बढ़ाने पर बल दिया। एसएसएआरएम के अध्यक्ष एवं जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. डीपी सिंह ने सोसायटी द्वारा विद्यार्थियों के लिए दी जाने वाली फैलोशिप और देश-विदेश में आयोजित सम्मेलनों की जानकारी दी।
बायर क्रॉप साइंस के कृषि मामलों के निदेशक डॉ. राजबीर राठी ने कहा कि वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए ठोस प्रयास आवश्यक हैं। इस अवसर पर प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरके बहल, टर्की, जापान, फ्रांस और डेनमार्क के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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Hisar News: कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड के चेयरमैन बोले- भूमि, जल और ऊर्जा संसाधनों पर बढ़ता दबाव मानव जीवन के लिए चुनौती


