in

तेजस्वी यादव का ये दांव नीतीश कुमार पर पड़ेगा भारी? सामने आए नए सर्वे में हो गया बड़ा खुलासा Politics & News

तेजस्वी यादव का ये दांव नीतीश कुमार पर पड़ेगा भारी? सामने आए नए सर्वे में हो गया बड़ा खुलासा Politics & News

[ad_1]

Show Quick Read

Key points generated by AI, verified by newsroom

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब चंद दिन ही बचे हैं. ऐसे में वोट वाइब का एक चौंका देने वाला नया सर्वे सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल, जाति फैक्टर और लालू परिवार पर करप्शन के आरोपों समेत कई सवाल पूछे गए. 

इस सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि तेजस्वी यादव की हर घर नौकरी योजना, क्या नीतीश कुमार की 10 हजार रुपये महिला रोजगार योजना को बेअसर कर सकती है तो लोगों ने इस पर चौंकाने वाले जवाब दिए. 50.5 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया, जबकि मात्र 25.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नहीं. इसके अलावा 24 फीसदी लोगों का कहना है कि वो इसे लेकर कुछ कह नहीं सकते.

तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वायदे को कैसे देखती है जनता
वोट वाइब के सर्वे में लोगों से पूछा गया कि आप तेजस्वी यादव के हर घर नौकरी वाले वायदे को कैसे देखते हैं. इसे लेकर 38.1 फीसदी लोगों ने कहा कि ये एक अच्छा कदम है जो राजद को चुनाव में मदद करेगा, जबकि 48 फीसदी लोगों का कहना है कि ये महज एक चुनावी नारा है. 6.3 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हमने ये नारा सुना ही नहीं. वहीं 7.6 फीसदी लोगों का कहना है कि वो कुछ कह नहीं सकते.

इस सर्वे में लालू परिवार पर लग रहे करप्शन के आरोपों को लेकर भी लोगों से सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि वो IRCTC घोटाले को कैसे देखते हैं. इसके जवाब में 28 फीसदी लोगों का कहना है कि इसका उल्टा असर होगा और महागठबंधन पहले से ज्यादा मजबूत होगा. 19.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. वहीं दूसरी ओर 35 फीसदी लोगों का मानना है कि लालू परिवार पर घोटाले के इस आरोप से महागठबंधन को नुकसान होगा. 

बिहार में किसका कार्यकाल रहा अच्छा
बिहार के लोगों से मुख्यमंत्री के कार्यकाल को लेकर भी सवाल किए गए. नीतीश कुमार के (2005-2025) कार्यकाल को 56.7 फीसदी लोगों ने बेहतर माना. लालू-राबड़ी के (1990-2005) के कार्यकाल को महज 16.4 फीसदी लोगों ने ही अच्छा बताया. वहीं 11.5 फीसदी लोगों ने दोनों का कार्यकाल बेहतर बताया है. 10.1 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें किसी का भी कार्यकाल अच्छा नहीं लगा.

जाति फैक्टर कितना असरदार
इसके अलावा सर्वे में जाति को लेकर भी सवाल किया गया कि वोटिंग में जाति का कितना असर रहेगा. इसके जवाब में 51.1 फीसदी लोगों ने कहा कि वो जाति की बजाए पार्टी देखकर वोट देंगे. 21.1 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वो अपनी जाति के उम्मीदवार को ही वोट देंगे चाहे, वो किसी भी पार्टी का हो. 6.1 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अगर उनकी जाति के किसी उम्मीदवार को उनकी पसंदीदा पार्टी टिकट नहीं देती तो वो उसे वोट नहीं करेंगे. 21.7 फीसदी लोगों ने कहा कि वो कुछ कह नहीं सकते.

ये भी पढ़ें

Cyclonic storm Montha: करीब आ रहा चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’, दिल्ली-यूपी और बिहार में फिर बदलेगा मौसम, जानें कहां-कहां होगी बारिश?

[ad_2]
तेजस्वी यादव का ये दांव नीतीश कुमार पर पड़ेगा भारी? सामने आए नए सर्वे में हो गया बड़ा खुलासा

भारत के खिलाफ पहले टी-20 में जम्पा की जगह संघा:  29 अक्टूबर को कैनबरा में पहला मुकाबला; कमिंस पहले एशेज टेस्ट से बाहर Today Sports News

भारत के खिलाफ पहले टी-20 में जम्पा की जगह संघा: 29 अक्टूबर को कैनबरा में पहला मुकाबला; कमिंस पहले एशेज टेस्ट से बाहर Today Sports News

कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे : राजेश वशिष्ठ  Latest Haryana News

कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे : राजेश वशिष्ठ Latest Haryana News