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मेरठ। टीपीनगर के वेदव्यासपुरी स्थित जय अंबे फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत के मामले में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम जांच करेगी। इनके अलावा जिले में ऐसे में जितने भी नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं, उन सभी की जांच की जाएगी।
इस केंद्र में मंगलवार को युवक प्रियांशु उर्फ किन्नू निवासी मोहाली पंजाब ने फंदा लगा लिया था। रात में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की तीन सदस्यीय टीम पता करेगी कि वहां कितने लोग रह रहे हैं। उनकी देखभाल कैसे की जाती है। लोगों का रिकॉर्ड है या नहीं। रजिस्टर्ड हैं या नहीं। उन्होंने बताया कि ऐसे नशा मुक्ति केंद्र जनसेवा केंद्र के तौर पर रजिस्टर्ड कराए जाते हैं न कि नशा मुक्ति केंद्र के तौर पर।
उन्होंने बताया कि जिले में रजिस्टर्ड नशा मुक्ति केंद्र आठ हैं। इनमें तीन एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज, एनसीआर मेडिकल कॉलेज और सुभारती मेडिकल कॉलेज में हैं। इनके अलावा पांच निजी मनोचिकित्सकों के हैं। उन्होंने बताया कि सूचना है कि जिले में टीपीनगर और गंगानगर जैसे 15 से 20 नशा मुक्ति केंद्र हैं। इन सभी सूची तैयार कराई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इनकी जांच करेगी और अगर नियम विरुद्ध संचालित होते मिले तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले रविवार को गंगानगर स्थित नया सवेरा नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक फैमीद निवासी गांव जई की मौत हो गई थी। उसके परिजनों ने पीटकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में दो आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। सीएमओ ने बताया कि यहां भर्ती 27 लोगों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
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Chandigarh News: मोहाली के युवक सुसाइड मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम भी करेगी जांच


