[ad_1]
बलवान सिंह (कांग्रेस), दुड़ाराम (भाजपा) और इनलो प्रत्याशी सुनैना चौटाला
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
परमाणु ऊर्जा संयंत्रों वाले हरियाणा के एकमात्र विधानसभा क्षेत्र फतेहाबाद में चुनावी घमासान परवान पर है। यहां राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और भाजपा के चुनावी गणित को प्रभावित करने के लिए क्षेत्रीय पार्टियां जी-तोड़ प्रयास कर रही हैं। दो-दो मुख्यमंत्रियों के प्रभाव वाले इस क्षेत्र की ग्रामीण चौपालों व पंचायतों में चुनावों पर खूब चर्चा हो रही है, लेकिन फतेहाबाद व भूना का शहरी मतदाता चुप्पी साधे बैठा है। उसकी खामोशी उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ा रही है, क्योंकि शहरी मतदाता चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं।
पूर्व सीएम भजनलाल के प्रभाव वाली इस सीट पर भाजपा ने उनके भतीजे दुड़ाराम, जबकि कांग्रेस से पूर्व विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया प्रत्याशी हैं। इनेलो ने पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के छोटे भाई प्रताप चौटाला की पुत्रवधू सुनैना, जजपा ने सुभाष गोरछिया व आप ने कमल बिसला को मैदान में उतारा है। चुनावी चर्चा में इस बार किसान आंदोलन, कर्मचारियों की पेंशन के मुद्दे प्रमुखता से उठ रहे हैं।
भाजपा बिना खर्ची-बिना पर्ची के सरकारी नौकरियां देने, मुफ्त इलाज, फसलों की एमएसपी पर खरीद की योजनाएं गिना रही है। वहीं, कांग्रेस बेरोजगारी, नशाखोरी, आंदोलनकारियों पर चली लाठियों के नाम पर सत्ता विरोधी माहौल बनाने में जुटी है। जिले के सबसे बड़े गांव गोरखपुर के सरपंच मनदीप योगी मानते हैं कि इस सरकार में युवाओं को बिना सिफारिश के नौकरी मिली है। प्रदेश में बड़ा बदलाव दिखा है।
भूना के नंदलाल कहते हैं-सरकारी अस्पतालों में बार-बार भर्तियां निकालने के बावजूद डॉक्टर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में आयुष्मान योजना से सरकार ने गरीबों के हित में काम किया है। वहीं, फतेहाबाद के विनय शर्मा कहते हैं कि इस सरकार ने हर आंदोलन को दबाने का प्रयास किया।
[ad_2]
Haryana Assembly Elections : गांवों में गली-गली मतदाता मुखर, शहरों की चुप्पी बढ़ा रही प्रत्याशियों की बेचैनी