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विदेश मंत्री जयशंकर 2 दिवसीय स्विट्जरलैंड दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
विदेश मंत्री जयशंकर ने गुरुवार (12 सिंतबर) को कहा कि चीन के साथ विवाद का 75% हल निकल गया है। विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि सीमा पर बढ़ते सैन्यीकरण का मुद्दा अभी भी गंभीर है।
स्विट्जरलैंड के शहर जिनेवा में एक समिट के दौरान बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान में हुई झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया है। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर हिंसा होने के बाद कोई यह नहीं कह सकता कि बाकी रिश्ते इससे प्रभावित नहीं होंगे।
जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं का एक-दूसरे के करीब होना एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर सीमा विवाद का समाधान हो जाता है, तो भारत-चीन संबंधों में सुधार संभव है।

जयशंकर ने कहा कि समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए दोनों पक्षों में बातचीत चल रही है।
आज चीनी विदेश मंत्री से मिलेंगे जयशंकर जयशंकर के दो दिवसीय स्विट्जरलैंड दौरे का आज आखिरी दिन है। इस दौरान वे चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात करेंगे। भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध सबसे निचले स्तर पर हैं।
2020 के बाद से लद्दाख में दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामने डटी हुई हैं। हालांकि, फरवरी 2021 से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई थी, जो अब तक जारी है।
जिनेवा सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी में बात करते हुए जयशंकर ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने के लिए सीमा से सेनाओं की वापसी और शांति को अहम बताया।

इससे पहले भी कई बार जयशंकर और वांग यी के बीच सीमा विवाद के जल्द समाधान को लेकर बातचीत हुई है।
कल वांग यी से मिले NSA अजीत डोभाल NSA अजीत डोभाल ने गुरुवार को रूस में BRICS देशों के NSA की मीटिंग के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी मुलाकात की। इस दौरान अजीत डोभाल ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने लिए सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया।
इसके साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का सम्मान करने के लिए भी कहा। इस बैठक से दोनों देशों को सीमा से जुड़े मुद्दों के जल्द समाधान करने के प्रयासों को बल मिला है।
दोनों देशों ने जल्द से जल्द बाकी इलाकों से भी सेना की वापसी में तेजी लाने पर सहमति जताई। NSA डोभाल ने जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों को द्विपक्षीय समझौते, प्रोटोकॉल और आपसी सहमतियों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।

रूस दौरे के दौरान अजीत डोभाल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से भी मुलाकात की है।
गलवान घाटी में क्या हुआ था? 15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगह पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं।
भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं।
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे।

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच लाओस में अहम बैठक हुई। इसमें नेताओं के बीच भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा हुई। जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से LAC और पहले हो चुके समझौतों का सम्मान करने की बात कही।
जयशंकर ने कहा कि संबंधों को स्थिर करना ही दोनों देशों के हित में है। उन्होंने वांग यी से भारत-चीन संबंधों को फिर से बहाल करने की राह में सीमा विवाद को मुख्य वजह बताया। उन्होंने कहा कि सीमा पर जैसे हालात होंगे वैसे ही हमारे रिश्तों में भी दिखेगा। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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