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पंजाब में पिछले दो साल के मुकाबले इस बार पराली जलाने के मामले करीबन चार गुणा कम हुए हैं। इस सीजन में अब तक 415 आपराधिक मामले पराली जलाने के दर्ज किए गए हैं। जबकि इससे दो साल पहले 2023 में यह आंकड़ा 1764 था। जबकि पिछले साल 2024 में यह आंकड़ा 1510 था।
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पंजाब पुलिस डीजीपी की तरफ से यह आंकड़े जारी किए गए हैं। डीजीपी गौरव यादव ने दावा किया है कि सिविल और पुलिस प्रशासन की तरफ से लगातार की जा रही गहन कार्रवाई के कारण ही यह मुनासिब हो सका है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन
पराली जलाने के मामलों को शून्य तक लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव और विशेष डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला व्यक्तिगत रूप से पराली जलाने के खिलाफ कार्रवाई की निगरानी कर रहे हैं।
डीजीपी पंजाब भी सभी वरिष्ठ अधिकारियों, रेंज अधिकारियों, सीपी/एसएसपी और स्टेशन हाउस अधिकारियों (एसएचओ) के साथ बैठकें कर रहे हैं ताकि राज्य में पराली जलाने के मामलों की व्यक्तिगत रूप से दिन-प्रतिदिन समीक्षा की जा सके।
खेतों में पराली लगाने की फाइल फोटो।
पुलिस और सिविल प्रशासनिक अधिकारी लगातार कर रहे ज्वाइंट एक्शन विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया है कि राज्य में पराली जलाने की समस्या को रोकने के लिए पुलिस टीमें नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर अथक प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि डीसी/एसएसपी और एसडीएम/डीएसपी उन गांवों में संयुक्त दौरे कर रहे हैं, जिन्हें पराली जलाने वाले हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना गया है।
जिला लेवल पर जागरूक अभियान
जिला और उप-मंडल स्तर पर विभिन्न किसान यूनियनों के साथ जन जागरूकता बैठकें आयोजित कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में डीसी/एसएसपी द्वारा 251 और एसडीएम/डीएसपी द्वारा 790 संयुक्त दौरे किए गए, जिसके दौरान उन्होंने 2381 जन जागरूकता बैठकें कीं और किसान यूनियनों के साथ 1769 बैठकें आयोजित की गई।
इसके अलावा, थाना स्तर पर पराली सुरक्षा बल का भी गठन किया गया है, जो निगरानी रखने के साथ-साथ किसानों को पराली पर माचिस डालने के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक भी कर रहा है।

स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला।
अब तक 415 खेतों में आग लगाने का पता चला विशेष डीजीपी ने कहा कि पराली जलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अब तक राज्य में पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीएसआरसी) द्वारा 415 खेतों में आग लगने की घटनाओं का पता लगाया गया है और मौके पर निरीक्षण के लिए संयुक्त टीमें भेजी गई हैं।
उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने 172 मामलों में एफआईआर दर्ज की हैं और 189 मामलों में जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि 165 किसानों के राजस्व रिकॉर्ड में रेड एंट्री भी की गई है।
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पंजाब में पराली जलाने के 415 मामले: पिछले साल 1510 था, 172 घटना में FIR दर्ज, 189 केस में जुर्माना लगा – Chandigarh News