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बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच महिला वोट बैंक को लुभाने की होड़ लगी हुई है. दोनों ही गठबंधन ने महिला वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए कई तरह के वादे किए हैं. टिकट बंटवारे की बात करें तो दोनों ही गठबंधन ने महिलाओं को ज्यादा तरजीह नहीं दी है. आरजेडी 143 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने 24 महिलाओं को टिकट दिया है, जो कुछ उम्मीदवारों का 16 फीसदी से अधिक है. मोहनियां से राजद की एक महिला उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया है.
बीजेपी-जेडीयू ने कितनी महिलाओं को दिया टिकट?
इस बार के चुनाव में कई सीटों पर इंडिया गठबंधन के दलों में फ्रेंडली फाइट है. कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिसमें से उन्होंने 5 महिलाओं को टिकट दिया है. यानी कि उम्मीदवारी में महिलाओं की हिस्सेदारी 8 फीसदी से अधिक है. एनडीए की ओर से जेडीयू-बीजेपी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. दोनों ही पार्टी ने 13-13 महिलाओं को टिकट दिया. चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM ने 6 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है.
जीतन राम मांझी की पार्टी HAM ने 6 सीटों में से 2 महिलाओं को टिकट दिया है. दोनों ही उनके परिवार के सदस्य या रिश्तेदार हैं. बिहार की 243 सीटों में से एनडीए ने 35 तो महागठबंधन की ओर से आरजेडी और कांग्रसे ने 204 सीटों में से 29 महिलाओं को टिकट दिया है. कोई भी पार्टी 33 फीसदी महिला आरक्षण की नीति को लागू नहीं कर पाया है.
महिला वोटर्स को लुभाने की कोशिश
मौजूदा नीतीश कुमार की सरकार ने महिलाओं के कल्याण को लेकर पहले से कई योजनाएं लागू हैं. चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की, जिसके तहत 1.21 करोड़ महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. इससे पहले एनडीए की सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं और रसोइयों का मानदेय भी बढ़ाया.
महिला वोटर को लुभाने के लिए आरजेडी चीफ तेजस्वी यादव ने जीविका दीदी को स्थायी नौकरी और 30 हजार महीना वेतन का वादा कर दिया है. उन्होंने बिहार के हर परिवार में एक सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया है.
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महिला वोटर्स को लुभाने की कोशिश, बिहार में किस पार्टी ने दिए सबसे ज्यादा फीमेल कैंडिडेट को टिकट