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भिवानी। दिवाली पर सोमवार रात लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े और आतिशबाजी का आनंद लिया। इसका असर शहर की हवा पर साफ दिखा। सोमवार देर रात ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) औसतन 450 तक पहुंच गया जो खतरनाक स्तर है। मंगलवार सुबह भी एक्यूआई 353 दर्ज किया गया जो डेंजर जोन में आता है। इसके कारण लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
मंगलवार को औसतन एक्यूआई 327 दर्ज किया गया। दोपहर तक यह 130 तक नीचे आया लेकिन शाम साढ़े चार बजे तक फिर बढ़कर 153 तक पहुंच गया। पूरे दिन शहर में स्मॉग छाई रही। भिवानी से हांसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी स्मॉग दिखाई दी। एक्यूआई के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। वहीं पराली जलाने के मामलों में कृषि विभाग ने सख्त रुख अख्तियार किया है और एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी है।
इस तरह समझें एक्यूआई स्तर
0–50 : अच्छा
51–100 : मॉडरेट
101–150 : खराब
151–200 : अनहेल्दी
201–300 : बहुत गंभीर
301 और ऊपर : खतरनाक
इस तरह करें बचाव
आंखों के लिए
दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनें।
आंखों को धूल-मिट्टी से बचाएं और ठंडे पानी से धोते रहें।
जलन होने पर चिकित्सक से परामर्श लें।
दिल के मरीजों के लिए
दवा अपनी मर्जी से बंद न करें।
नियमित बीपी और दिल की धड़कन की जांच करें।
छाती में दर्द या चक्कर आने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
शराब और धूम्रपान से बचें।
सांस के मरीज ये रखें सावधानी
प्रदूषण युक्त हवा में बिना मास्क बाहर न जाएं।
धुएं वाली जगह पर न रुकें।
गर्म पानी और हर्बल टी का प्रयोग करें।
क्रैशर जोन पर संकट
तोशाम क्षेत्र के खानक पहाड़ी इलाके में करीब 250 से अधिक क्रैशर भवन निर्माण सामग्री तैयार कर रहे हैं। अगर प्रदूषण इसी तरह बढ़ता रहा तो इन्हें बंद कराया जा सकता है।
ग्रीन पटाखों की आड़ में फूटा प्रदूषण
जिले में ग्रीन आतिशबाजी की अनुमति थी लेकिन कई जगह ग्रीन पटाखों के नाम पर प्रदूषण पैदा करने वाले पटाखे भी बिके। देर रात तक मोहल्लों में पटाखे और आतिशबाजी का कचरा फैला रहा।
पांच जगह लगी आग, 13 लोग झुलसे
दिवाली की रात जिला दमकल विभाग को पांच आग की सूचना मिली। इसमें दो कबाड़ में लगी आग, एक बाजरे की पुलियों में और दो खाली प्लॉट में लगी। जिला नागरिक अस्पताल में 13 मरीज पटाखा जलाते समय झुलसे, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
सप्ताह भर का एक्यूआई
15 अक्तूबर : 136
16 अक्तूबर : 97
17 अक्तूबर : 106
18 अक्तूबर : 108
19 अक्तूबर : 139
20 अक्तूबर : 202
21 अक्तूबर : 327
एक्यूआई का स्तर बढ़ने के कारण आंखों में जलन, सांस लेने में कठिनाई और अस्थमा के रोगियों को परेशानी हो सकती है। ऐसे माहौल में विशेष सावधानी रखना जरूरी है। सांस के रोगियों को सुबह की सैर से बचना चाहिए और मास्क पहनना चाहिए। धूम्रपान से बचें। अगर शरीर में किसी प्रकार की समस्या महसूस हो तो चिकित्सक से परामर्श करें। – डॉ. यतिन गुप्ता, फिजिशियन, मेडिकल कॉलेज भिवानी
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Bhiwani News: आतिशबाजी के धुएं से दिवाली की रात एक्यूआई 450 तो अगली सुबह 353 पहुंचने से डेंजर जोन में आया जिला