एडीजीपी पूरण कुमार के बाद एएसआई संदीप लाठर की खुदकुशी से गहराए हालात का प्रबंधन सीएम नायब सैनी ने बुधवार को खुद ही संभाला। प्रकरण निपटाने के दृढ़ संकल्प से आए सीएम ने पूरण की आईएएस पत्नी पर भी एफआईआर कराने में कोई हिचक नहीं दिखाई। सभी मांगें भी मान लीं। नतीजा…34 घंटे में ही सियासत पर विराम लग गया।
पूरण कुमार के 7 अक्तूबर को खुदकुशी करने के बाद उनकी आईएएस पत्नी अमनीत कुमार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया पर कार्रवाई होने तक शव का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया। इस दौरान 8 दिन तक चंडीगढ़ देशभर की सियासत का केंद्र बना रहा।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, चिराग पासवान से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तक आए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा समेत दूसरे कांग्रेस नेता वहां रोज ही पहुंचे और सैनी सरकार को निशाने पर रखा। सोनिया-प्रियंका गांधी ने भी पत्र लिखकर शोक जताया।
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एएसआई संदीप के निधन के बाद विलाप करता भांजा हर्ष व अन्य
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पंजाब की पूरी कैबिनेट यहां आई और अमनीत को पंजाब की बेटी बताकर न्याय की लड़ाई में पूरा साथ देने का एलान किया। इस प्रकरण ने भाजपा सरकार की छवि तो खराब की ही, सोनीपत में 17 अक्तूबर को सरकार के एक साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री के आने का कार्यक्रम भी रद्द करा दिया।
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एएसआई भाई का शव देखने के बाद बदहवास बहन
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वाई पूरण कुमार के परिवार को न मना पाने में सरकारी तंत्र की विफलता उजागर हुई थी। मंगलवार को एएसआई संदीप लाठर की खुदकुशी के बाद यही हालात पैदा हो गए थे। पीड़ित परिवार ने घर में शव रखकर पक्का मोर्चा लगाने की तैयारी कर ली थी।
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संदीप के परिजनों से मिलने पहुंचे पूर्व सीएम हुड्डा
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हुड्डा के गढ़ में बढ़ सकती थी चुनौती
मुख्यमंत्री सैनी भांप चुके थे कि रोहतक न सिर्फ भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ है बल्कि जाट बहुल होने के कारण यहां माहौल और बिगड़ने की आशंका है। यहां शव पर सियासत हुई तो हालात संभालने और भी मुश्किल हो सकते हैं। इसी कारण उन्होंने किसी दूसरे पर भरोसा नहीं किया।
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बेटे का शव देखने के बाद बदहवास हालत में मां
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बुधवार सुबह 11 बजे बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के हेलीपैड पर उतरते ही यहां के दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम बदलकर पहले लाढ़ौत पहुंचे। आधा घंटा वहां रहे। संदीप की पत्नी और परिजनों से अकेले में बात की। पत्नी की मांग पर पूरण की पत्नी अमनीत, विधायक साले समेत चार के खिलाफ तुरंत एफआईआर लिखने के आदेश दिए। ओएसडी वीरेंद्र सिंह बढ़खालसा को परिजनों के पास ही बैठा दिया।
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