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Fatehabad News: डिलीवरी के बाद बिगड़ी प्रसूता की तबीयत, सोता रहा स्टाफ, रेफर किया न विशेषज्ञ को बुलाया, मौत Haryana Circle News

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फतेहाबाद। नागरिक अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी के बाद प्रसूता अशोक नगर निवासी आरती (24) की तबीयत बिगड़ने से बुधवार की सुबह मौत हो गई। परिजनों ने ड्यूटी पर तैनात स्टाफ और डॉक्टर पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि रात को सांस लेने में तकलीफ होने पर स्टाफ को बुलाने गए, लेकिन वह सोते मिले।

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प्रसूता के परिजनों ने बताया कि तीन बार बुलाने के बाद स्टाफ नर्स ने इंजेक्शन लगाया और फिर सो गए। सुबह 6 बजे आरती की ज्यादा तबीयत खराब हो गई। इसके बाद डॉक्टर को बुलाया गया और एंबुलेंस से रेफर करने की तैयारी शुरू की गई, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में रोष व्यक्त किया और एसएमओ डॉ. बुधराम को शिकायत देकर लापरवाही बरतने वाले स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की। महिला की सोमवार रात को ही डिलीवरी हुई थी।

एसएमओ डॉ. बुधराम ने मामले की जांच को लेकर डॉक्टर व सीएनओ (चीफ नर्सिंग आफिसर) की कमेटी गठित कर दी, जिसमें महिला मेडिकल ऑफिसर डॉ. प्रियंका, डॉ. जयप्रकाश और सीएनओ प्रकाश कौर को शामिल किया गया है। कमेटी मामले में डॉक्टर व स्टाफ के बयान दर्ज करके रिपोर्ट देगी। इस मामले में सीएमओ ने कार्रवाई करते हुए ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया।

आरोप -स्टाफ को उठाने गए तो बोले : सुबह देखेंगे

नागरिक अस्पताल में रोष व्यक्त कर रहीं मृतका के हांसी निवासी परिजन कृष्णा ने बताया कि रात में तीन बजे आरती की तबीयत खराब हुई और उसे सांस लेने में दिक्कत हुई। स्टाफ को बुलाने के लिए गए तो वे सोए हुए थे और उन्हें कहा कि आरती की तबीयत खराब है तो जवाब दिया कि सुबह देखेंगे। सुबह ज्यादा तबीयत खराब होने पर उपचार शुरू किया और डॉक्टर को बुलाया गया। मृतका की ताई सुमित्रा ने कहा कि समय पर उपचार होता तो आरती पत्नी सुधीर की जान बच सकती थी।

सवाल : महिला रोग विशेषज्ञ को क्यों नहीं बुलाया

नागरिक अस्पताल में दो महिला रोग विशेषज्ञ हैं, जिसमें डॉ. नीति पूनिया और डॉ. वर्षा शामिल हैं। वहीं, एसएमओ की माने तो डॉ. अर्पणा ड्यूटी पर थीं। ऐसे में रात तीन बजे प्रसूता की तबीयत बिगड़ी तो स्टाफ नर्स ने ड्यूटी पर तैनात एलएमओ डॉ. अर्पणा को भी नहीं बुलाया और न ही विशेषज्ञ को इस बारे में सूचना दी।

एसएमओ डॉ. बुधराम का कहना है कि डॉक्टर ने जो उपचार लिख रखा होता है उसके अनुसार स्टाफ नर्स दवा देती हैं। हालांकि उपचार देने के बाद फॉलोअप लेना जरूरी होता है। जांच रिपोर्ट में ही सामने आएगा कि फॉलोअप लिया गया था या नहीं लिया गया।

ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर, स्टाफ नर्स और जीडीए का किया तबादला

अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी के बाद दाखिल महिला की मौत मामले में सिविल सर्जन ने कार्रवाई करते हुए ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व कर्मचारियों का तबादला कर दिया है। ये तबादला मामले की चल रही जांच के लिए किया गया है। ड्यूटी पर तैनात डॉ. अर्पणा को रतिया नागरिक अस्पताल और स्टाफ नर्स प्रेमजोत और जीडीए को सीएचसी बड़ोपल ट्रांसफर किया गया है।

सीसीटीवी फुटेज खोलेगा लापरवाही के राज

नागरिक अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जांच कमेटी इन कैमरों की भी मदद लेगी। फुटेज से पता चलेगा कि मरीज के तीमारदार किस समय स्टाफ को बुलाने गए और कितनी देर बाद ड्यूटी पर तैनात स्टाफ पहुंचा था। इस मामले में कमेटी तीमारदारों के भी बयान दर्ज करेगा।

अभी तक जो संज्ञान में आया है उसके अनुसार महिला को सुबह सांस लेने में दिक्कत हुई। स्टाफ ने इंजेक्शन दिया। आराम नहीं हुआ तो सुबह छह बजे डॉक्टर ने आकर देखा और विशेषज्ञ को फोन पर सूचना दी। इसके बाद इमरजेंसी में लाया गया। यहां चेकअप किया गया। एंबुलेंस में शिफ्ट किया जा रहा था तो इस दौरान प्रसूता की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत के आधार पर कमेटी गठित कर दी गई है। जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच प्रभावित न हो इसके चलते स्टाफ की ट्रांसफर कर दिया है। कमेटी जल्द ही जांच रिपोर्ट दे देगी। -डॉ. बुधराम, एसएमओ, नागरिक अस्पताल

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