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फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में मनोचिकित्सक ओपीडी में मरीजों की जांच करते हुए
फतेहाबाद। सहनशक्ति खत्म होने और करीबियों को अपनी तकलीफ शेयर न कर पाने और परिवार के लोगों से ही धोखा मिलने समेत कई कारणों से लोग मौत को गले लगा रहे है। सब्र टूटने और गुस्से पर काबू न पाने के कारण लोगों के मन में आत्महत्या करने जैसी बातें आ रही है। यही कारण है कि सुसाइडल रिस्क केस भी बढ़ने लगे हैं।
मनोरोग विशेषज्ञ की ओपीडी में सवा साल में ऐसे 49 केस सामने आ चुके हैं। ये वो लोग हैं जिनके मन में बार-बार आत्महत्या करने की सोच पैदा हो रही है। जबकि अनेकों लोग उपचार लेने की जगह मौत को गले लगा रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार जिले में हर पांचवें दिन आत्महत्या का केस सामने आ रहा है।
पिछले चार दिनों में फतेहाबाद क्षेत्र में ही आत्महत्या करने के दो केस सामने आ चुके हैं। जिसमें मौत का कारण पारिवारिक क्लेश रहा है। मनोरोग विशेषज्ञ का कहना है कि आत्महत्या करने के पीछे कई कारण हो सकते है, लेकिन इसे रोका भी जा सकता है। समय पर नजदीकी व्यक्ति ध्यान दें और उसकी काउंसिलिंग करें। उसके तकलीफ के बारे में समझें और उसे अहसास दिलवाए कि कोई मदद कर रहा है।
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आत्महत्या जोखिम के उपचार को लेकर ये आ चुके है ओपीडी में केस
वर्ष केस आए
अप्रैल से जून 2023 1
जुलाई से सितंबर 2023 18
अक्तूबर से दिसंबर 2023 8
जनवरी से मार्च 2024 9
अप्रैल से जून 2024 13
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केस नंबर एक
शहर के बस स्टैंड के सामने सेवानिवृत्त रोडवेज कर्मी ने बेटे के साथ जमीनी विवाद के चलते जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। जिससे उसकी मौत हो गई। रोडवेज कर्मी के पास से सुसाइड नोट भी मिला। जिसमें उसने बेटे और बहु समेत परिवार के अन्य सदस्यों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
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केस नंबर दो
शहर के मॉडल टाउन स्थित एक निजी अस्पताल की संचालिका ने पारिवारिक विवाद के चलते आत्महत्या कर ली थी। महिला की मौत के बाद डॉक्टर पति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। मामले के बाद पूरा परिवार ही बिखर गया। मृतका का पति तब के बाद से लापता है। वहीं पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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किसी भी प्रकार की परिस्थिति हो आत्महत्या करने जैसा कदम नहीं उठाना चाहिए। अगर कोई बात है कि तो साथी के साथ शेयर करें। अगर किसी व्यक्ति का व्यवहार बदल रहा है और काम से छुट्टी कर रहा है, इसी तरह अगर स्कूल में कोई बच्चा नहीं आ रहा है या तनाव में है तो साथी को उसके साथ बात करनी चाहिए। उसकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाना चाहिए। गुस्से पर अगर काबू रखा जाए तो इस तरह के मामलों में कमी आ सकती है। तनाव कम करने के लिए योगाभ्यास जरूर करें।
– डॉ. गिरीश, मनोचिकित्सक, नागरिक अस्पताल, फतेहाबाद।
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