[ad_1]
फोटो संख्या:70- गांव राजावास में अवैध खनन को लेकर पंचायत करते ग्रामीण–संवाद
सतनाली । गांव राजावास स्थित अरावली पहाड़ी पर सरकार की ओर से खनन शुरू किए जाने की संभावना के बीच विरोध के स्वर उठने लगे हैं।
रविवार को ग्रामीणों ने पंचायत कर स्पष्ट रूप से कहा कि वे यहां खनन नहीं होने देंगे । यदि सरकार ने खनन शुरू करवाने का प्रयास किया तो उसका डटकर विरोध किया जाएगा व आंदोलन से भी ग्रामीण पीछे नहीं हटेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि यदि यहां माइनिंग (खनन) शुरू होगी तो क्षेत्र में पानी का स्तर नीचे चला जाएगा। पहाड़ के पास करीब 500 घरों की बस्ती है वे कहां जाएंगे तथा पशु चराने के लिए भी जगह नहीं रहेगी।
गांव राजावास के सरपंच मोहित ने बताया कि उनके गांव में माइनिंग शुरू होने जारी रही है। इससे पूरा गांव प्रदूषित हो जाएगा। यदि माइनिंग शुरू हुई तो इसका विरोध करेंगे। हालांकि अभी पहाड़ी माइनिंग के लिए अलॉट नहीं हुई है, लेकिन आचार संहिता हटने के बाद सरकार अलॉट किए जाने की संभावना है। ऐसे में पूरा गांव पहले ही एकजुट हो गया है। उन्होंने बताया कि 2016-17 में माइनिंग अलॉट हुई थी उस समय ब्लास्टिंग से घरों में दरारें आ गई थीं।
पीपल फॉर अरावली संगठन की संस्थापक नीलम ने बताया कि अरावली को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को भी सूचित किया है कि प्राकृतिक संसाधनों को बचाना बहुत जरूरी है। मकान या अन्य निर्माण कार्य के लिए सरकार कोई विकल्प निकाले ताकि इन धरोहरों को बचाया जा सके। वह अरावली को बचाने के लिए ग्रामीणों के साथ हैं।
पर्यावरण के साथ खिलवाड़ ठीक नहीं
गांव पाली के सरपंच देशराज फौजी ने बताया कि अगर सरकार ने माइनिंग की अनुमति दी तो गलत है। पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करना ठीक नहीं है। ब्लास्टिंग की आवाज 15 से 20 किलोमीटर तक जाती है और पूरा महेंद्रगढ़ क्षेत्र इससे प्रभावित होता है। माइनिंग से उड़ने वाली धूल फेफड़े के अंदर चली जाती है जो फेफड़ों को कमजोर करती है। अगर सरकार ने अनुमति दी तो वो एक महापंचायत करेंगे और उसके बाद बड़ा आंदोलन करेंगे।
इस दौरान बीडीसी मेंबर नवीन, सत्यनारायण नंबरदार, टिंकू पंच, पूर्व सरपंच बंसीलाल, पूर्व सरपंच अत्तर सिंह सिवाच आदि मौजूद थे।
[ad_2]
Mahendragarh-Narnaul News: अरावली पहाड़ी पर खनन शुरू होने की संभावना के बीच ग्रामीण एकजुट, पंचायत कर जताया रोष


