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माई सिटी लीड
अमर उजाला एक्सकलूसिव:
– दादरी व बौंद कलां में भूमिगत जलस्तर संतोषजनक, दो ब्लॉक के वर्ष 2024 के आंकड़े हैं चौंकाने वाले
जगवीर शर्मा
चरखी दादरी। जिले में जून 2024 में दर्ज भूमिगत जलस्तर के आंकड़े चौकाने वाले हैं। बाढड़ा ब्लॉक में जून 2023 की तुलना में जलस्तर और नीचे गया है। जून 2023 में बाढड़ा का जलस्तर 69.94 मीटर था जो जून 2024 में 71.05 मीटर रिकाॅर्ड किया गया है। ऐसे इस क्षेत्र का जलस्तर ऊपर आने के बजाय 1.11 मीटर और नीचे चला गया है।
इसी प्रकार झोझूकलां का जलस्तर 1.44 मीटर और नीचे गया है। जिले के दादरी व बौंदकलां ब्लॉक में जलस्तर की स्थिति संतोषजनक है। जिले में 27 गांव ऐसे हैं, जिनमें भूमिगत जलस्तर संतोषजनक है। इन गांवों में जलस्तर 10 मीटर तक है। ऐसे में इन गांवों में पेयजल के साथ सिंचाई के लिए भी पानी का संकट नहीं है। हालांकि भूजल वैज्ञानिकों का मानना है कि जलस्तर का ज्यादा ऊपर आ जाना भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। जमीन की इस ऊपरी सतह पर मौजूद पानी पीने लायक नहीं होता है। जमीनी जलस्तर काफी ऊपर आ जाने पर भूमि के क्षारीय होने की आशंका बढ़ जाती है।
भूमिगत जलस्तर में सुधार के लिए सरकार की ओर से भी प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले सालों में मानसून की बारिश कम मात्रा में होने की वजह से जलस्तर पर प्रतिकूल असर पड़ता रहा है। जल संरक्षण के लिए सोख्ता गड्ढे भी बनाए जा रहे हैं। ताकि, इनमें पानी का संचयन हो सके और जमीनी जलस्तर ऊपर आ जाए।
– 50 गांवों के समीप से गुजरती हैं नहरें व माइनर
जिले में करीब 50 गावों से नहरें भी गुजरती हैं। इन नहरों में पानी छोड़े जाने से जलस्तर तकरीबन सामान्य बना रहता है। बारिश के मौसम में इन भागों में जलस्तर और ऊपर आ जाता है। इन भागों में कई जगह किसान धान की खेती भी करते हैं।
इन गांवों का जलस्तर अन्य के लिए उदाहरण
गांव सरुपगढ़ में जलस्तर 0.85, समसपुर में 1.15 मीटर, पैंतावास खुर्द में 5.45, मानकावास में 4.25, कंहेटी में 1.25, कपूरी में 4.15, खेड़ी बूरा में 3.85, घसोला में 3.85, बिरहीकलां में 2.75, बिगोवा में 3.95 भैरवी में 5.65, मंदोला में 9.65, मंदोली में 8.85, अचीना में 2.60, झिंझर में 3.10, मिसरी में 3.30, मिर्च में 2.40, रानीला में 2.95, साकरोड़ में 3.10, सांजरवास में 4.85, सांवड़ में 3.95, ऊण में 2.40, मालपोष में 1.10, बौंदकलां में 1.95 व बौंदखुर्द में 1.65 मीटर है। इन गांवों में आज भी जलस्तर सामान्य स्थिति में है।
– बौंदकलां में 8.84 तो दादरी में 12 मीटर है औसत जलस्तर
बौंद कला खंड में जलस्तर की औसत 8.84 मीटर है। इसी प्रकार दादरी ब्लॉक के करीब 40 गांवों की जलस्तर औसत 12 मीटर है। इन गांवों में 2021 के बाद से जलस्तर में कोई खास बदलाव नहीं आया है। कारण यह कि तराई क्षेत्र है।
– विशेषज्ञ की राय : जहां जलस्तर ऊपर वहां बोरिंग ट्यूबवेल का परिस्थिति अनुसार करें उपयोग
भूजल वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन भागों में जलस्तर काफी ऊपर है। वहां की जमीन में सेम की समस्या बन जाती है। भूमि की उपजाऊ शक्ति कमजोर हो जाती है। ऐसे में खासकर किसानों को चाहिए कि वे खेतों में लगीं बोरिंग ट्यूबवेल का परिस्थितियों के अनुकूल इस्तेमाल करें ताकि इस ऊपरी सतह पर मौजूद पानी की गुणवत्ता बरकरार रहे। इस पानी की ट्यूबवेल से बीच-बीच में जमीन से निकासी करना जरूरी है। निकासी करने से पानी की गुणवत्ता में सुधार आ जाएगा।
– जिले में वर्ष 2014 से 2024 तक बारिश
वर्ष- बारिश
2014- 207 एमएम
2015- 309 एमएम
2016- 576 एमएम
2017 – 315 एमएम
2018 – 311 एमएम
2019- 183 एमएम
2020- 289 एमएम
2021 512 एमएम
2022- 347 एमएम
2023- 352 एमएम
2024- 280 एमएम
वर्सन:
विभाग हर छह माह में पानी के सैंपल लेकर जलस्तर की जांच करता है। जिले के सभी ब्लॉक से गांव व शहर से सैंपल लिए जाते हैं। रिपोर्ट तैयार कर हेड ऑफिस भेजी जाती है। बाढड़ा ब्लॉक में जलस्तर चिंताजनक है। इसका प्रमुख कारण बारिश का औसत से कम होना है।
-राकेश कुमार, जल विशेषज्ञ, भूमि जलकोष
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जलघर में लगी बोरिंग ट्यूबवेल। संवाद
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निमड़ बड़ेसरा राजकीय सकूल में भूमिगत जलस्तर मापने के लिए लगाए गए पीजियोमीटर की जानकारी देते विशेषज्ञ। फाइल फोटो
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Charkhi Dadri News: झोझूकलां और बाढड़ा खंड में जलस्तर चिंताजनक