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नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने सुशीला कार्की को अतंरिम पीएम बनने के बाद बधाई दी।
सुशीला कार्की ने शुक्रवार को नेपाल की पहली महिला अंतरिम पीएम पद की शपथ ली। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उन्हें शपथ दिलाई, इस दौरान उपराष्ट्रपति, चीफ जस्टिस और कई देशों के डिप्लोमैट्स मौजूद थे।
नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने भी सुशीला कार्की से मिलकर उन्हें बधाई दी। अब सुशीला कार्की पर अगले 6 महीने में नए संसदीय चुनाव कराने की जिम्मेदारी है।
राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने कल संसद भंग करने का भी ऐलान किया था। पूर्व पीएम केपी ओली की कम्युनिस्ट पार्टी (UML) ने इस फैसला का विरोध किया है। UML महासचिव शंकर पोखरेल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की है।
वहीं, Gen-Z नेताओं ने इस सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि वे सरकार में शामिल नहीं होंगे, लेकिन सरकार के कामकाज की निगरानी करेंगे।

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन ‘शीतल निवास’ में सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम पद की शपथ दिलाई।
भारत ने सुशीला कार्की की सरकार का स्वागत किया
भारत सरकार ने सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार का स्वागत किया है। भारत ने उम्मीद जताई है कि यह सरकार नेपाल में शांति और स्थिरता लाने में मदद करेगी।
भारत ने यह भी कहा कि वह एक करीबी पड़ोसी, सहयोगी लोकतंत्र और लंबे समय से विकास साझेदार के तौर पर नेपाल के साथ मिलकर दोनों देशों और उनकी जनता की भलाई के लिए काम करता रहेगा।
सुशीला कार्की ने BHU से पढ़ाई की है
नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस रहीं सुशीला कार्की ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स किया है। उन्होंने 1979 में वकालत में अपना करियर शुरू किया था।
सुशीला कार्की 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल की मुख्य न्यायाधीश थीं। 2017 में उनके खिलाफ महाभियोग लाया गया था। तब उनपर पूर्वाग्रह और कार्यपालिका में हस्तक्षेप का आरोप लगा था।

नेपाल में कोई जज दूसरी बार पीएम बना
सुशीला कार्की पहली ऐसी शख्स नहीं हैं जो न्यायधीश बनने के बाद अंतरिम पीएम बनी हैं। ऐसा पहली बार 2013 में हुआ था, तब मुख्य न्यायाधीश खिलराज रेग्मी के नेतृत्व में चुनावी सरकार बनाई गई थी।
पहली संविधान सभा के विघटन के बाद देश में राजनीतिक गतिरोध (रुकावट) पैदा हो गया था। इसे हल करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने समझौता किया और रेग्मी को सरकार बनाने का जिम्मा दिया। उनकी सरकार ने चुनाव कराए और इसके बाद दूसरी संविधान सभा का गठन हुआ।
पांचवे दिन हिंसा में कमी, होटल इंडस्ट्री को ₹16 अरब का नुकसान
सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ 8 सितंबर को शुरू हुए इस आंदोलन में 51 लोगों की मौत हुई, जबकि 1500 से ज्यादा घायल हो गए। हालांकि, पांचवे दिन हिंसा में कमी आई है।
नेपाल का प्रमुख चैनल कान्तिपुर जिसे प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को जला दिया था, शुक्रवार फिर से शुरू हो गया। वहीं कुछ हिस्सों में कर्फ्यू में ढील मिलने के बाद भारत-नेपाल की खुली सीमा के कई चेक पॉइंट्स से लोगों की आवाजाही शुरू हो गई।
इस हिंसक आंदोलन की वजह से नेपाल की होटल इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में करीब 20-25 होटलों को तोड़ा गया, लूटा गया या आग लगा दी गई। इससे होटल इंडस्ट्री को 25 अरब नेपाली रुपए (16 अरब भारतीय रुपए) से ज्यादा का नुकसान हुआ।

राजधानी काठमांडू में पांचवे दिन हिंसा में कमी आई है, लेकिन एहतियातन सेना अभी भी तैनात है।
नेपाल में रिपोर्टिंग कर रहे भारतीय पत्रकारों के साथ मारपीट
नेपाल में रिपोर्टिंग कर रहे भारतीय पत्रकारों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आई। शुक्रवार को दो भारतीय पत्रकारों के साथ बदसलूकी की गई। एक प्रदर्शनकारी ने रिपब्लिक न्यूज चैनल के पत्रकार को रिपोर्टिंग करते वक्त थप्पड़ मारा।
वहीं, न्यूज एजेंसी IANS के कैमरापर्सन के साथ बदसलूकी की गई। इससे पहले भी इस आंदोलन के दौरान भारतीय पत्रकारों के साथ बदतमीजी की घटनाएं सामने आई हैं।
गुरुवार को एक महिला पत्रकार के साथ भी सरेआम बदतमीजी की गई थी। उन्हें रिपोर्टिंग करने से रोक दिया गया था। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भारतीय मीडिया उनके आंदोलन को गलत तरीके से पेश कर रहा है।

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नेपाल में Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने सुशीला कार्की को देश का अंतरिम पीएम चुना है। उन्हें शुक्रवार रात राष्ट्रपति ने पद की शपथ दिलाई। वे 220 सालों के इतिहास में देश की पहली महिला पीएम बनी हैं। इससे पहले सुशीला नेपाल सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। वे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैए के लिए जानी जाती हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर…
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