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पार्क में लोगों के बैठने के स्थान पर जलभराव और उगी घास। संवाद
अंबाला। सुभाष पार्क के रख-रखाव का ठेका नगर परिषद के गले की फांस बन गया है। आचार संहिता के कारण ठेका नहीं हो पाया और अब पार्क की दशा बिगड़ने लगी है जोकि पार्क में आने वाले लोगों के लिए मुसीबत का कारण बनती जा रही है।
इसका अंदाजा बंद फैंसी लाइटों को देखकर लगाया जा सकता है और अब तो इनमें गंदगी भी जमा हो गई है। रात के समय पार्क में कुछ जगह पर लाइटें बंद रहने से अंधेरा पसर जाता है और इस कारण लोगों को भय सताता है कि कहीं उन्हें कोई जहरीला कीड़ा आदि न काट ले।
दूसरी बड़ी समस्या टूटी टाइलों के कारण हैं, जिन्हें दुरुस्त करवाने के लिए नगर परिषद ने कभी ध्यान ही नहीं दिया और न ही इनकी रिपेयर की गई। अब हालात ऐसे हैं कि पार्क के कुछ रास्तों पर लगी टाइलें पूरी तरह से गायब हो गई हैं। इससे लोग ठोकर खाकर गिर रहे हैं और चोटिल भी हो रहे हैं।
सबसे बड़ी परेशानी बुजुर्ग, महिलाओं व बच्चों के लिए है। जबकि तीसरी बड़ी समस्या जलभराव और बड़ी-बड़ी घास की है, इसमें जहरीले कीड़े-मकौड़े पनप रहे हैं। इस वजह से लोग पार्क आने से भी कतराने लगे हैं। यह हालात पूरे पार्क में देखे जा सकते हैं, लेकिन पानी की निकासी और घास को काटने के लिए नगर परिषद की तरफ से कोई भी प्रबंध नहीं किया गया। अगर ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले समय में करोड़ों रुपये से निर्मित इस पार्क पर ग्रहण लग सकता है।
वर्जन
आचार संहिता के कारण पार्क के रख-रखाव का ठेका नहीं हो पाया था। दूसरे ठेकेदार को साफ-सफाई करवाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर फिर भी कोई परेशानी है तो जांच करवाकर उसका भी उचित समाधान करवाया जाएगा।
मंदीप सिंह, कार्यकारी अभियंता, नप सदर।
पार्क में लोगों के बैठने के स्थान पर जलभराव और उगी घास। संवाद
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