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संवाद न्यूज एजेंसी, सिरसा
Updated Sun, 08 Sep 2024 02:52 AM IST
सिरसा। आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान दर्शना और सचिव पिंकी ने आशा कार्यकर्ताओं की परीक्षा का विरोध किया है। यहां जारी बयान में उन्होंने कहा कि भारत सरकार परीक्षा के नाम पर उन्हें गुमराह कर रही है।
आशा वर्कर्स यूनियन ने कहा कि कई राज्यों में आशाओं की परीक्षा कराई जा रही है जोकि उचित नहीं है। भारत सरकार इस परीक्षा का मकसद स्पष्ट करे और कार्यकर्ताओं के कार्यों से संबंधित सवाल ही परीक्षा में पूछे जाएं। समय पर प्रशिक्षण देकर उसी दौरान परीक्षा ली जाए।
उन्होंने बताया कि हरियाणा की आशा कार्यकर्ताओं से उनके कार्यों से हटकर सवाल पूछे गए हैं। परीक्षाओं का मूल्यांकन भी मनमाने तरीके से किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने पिछले 13 वर्षों से आशाओं के मानदेय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। आशाओं के काम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। अन्य आशा कार्यकर्ता इस परीक्षा का विरोध करतीं हैं।
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को कुशल बनाने के लिए भारत सरकार ने प्रशिक्षण दिलाया है। उसी दौरान परीक्षा भी ली गई थी। अधिकतर कार्यकर्ता परीक्षा पास करके ही समुदाय में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग कम प्रशिक्षण देकर आशाओं से अधिक काम करवा रहा है। यह सरकार की बड़ी खामी है। इसके बावजूद पिछले कई वर्षों से लगातार केंद्र सरकार राज्य के स्वास्थ्य बजट में कटौती कर निजी बीमा आधारित स्वास्थ्य सेवा को मजबूत कर रही है। निजी बीमा नीति सरकारी स्वास्थ्य सेवा को बर्बाद कर रही है।
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Sirsa News: आशा कार्यकर्ताओं ने किया परीक्षा का विरोध


