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चंडीगढ़ नकली मेजर केस ऑपरेशन सेल को ट्रांसफर: कोर्ट में कहा- क्राइम ब्रांच ने दी थर्ड डिग्री, अदालत ने पुलिस रिमांड खारिज किया – Chandigarh News Chandigarh News Updates

चंडीगढ़ नकली मेजर केस ऑपरेशन सेल को ट्रांसफर:  कोर्ट में कहा- क्राइम ब्रांच ने दी थर्ड डिग्री, अदालत ने पुलिस रिमांड खारिज किया – Chandigarh News Chandigarh News Updates

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चंडीगढ़ में ठगी के आरोपी गणेश भट्ट का केस अब क्राइम ब्रांच से हटाकर ऑपरेशन सेल को दे दिया गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि गणेश ने क्राइम ब्रांच पर मारपीट करने का आरोप लगाया था।

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गणेश भट्ट पर आरोप है कि उसने नकली मेजर बनकर एक महिला कॉन्स्टेबल से 5 लाख रुपए की ठगी की और इसके अलावा भी कई लोगों को ठगा।

क्राइम ब्रांच ने दो बार उसकी रिमांड लेने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट ने मंजूरी नहीं दी। आज आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जुडीशियल कस्टडी में भेज दिया गया।

आरोपी गणेश भट्ट की आंख पर लगी चोट।

थर्ड डिग्री टॉर्चर के आरोप वकील निखिल के. वशिष्ठ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गणेश भट्ट को थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। इसके बाद सेक्टर-16 के एसएमओ ने मेडिकल बोर्ड बनाकर उसका मेडिकल करवाया और रिपोर्ट कोर्ट को भेजी।

रिपोर्ट के मुताबिक, गणेश भट्ट के कान में चोट, आंख, हाथ-पैर और गाल पर सूजन और शरीर पर छोटे-छोटे चोट के निशान पाए गए।

गणेश भट्ट चोट के निशान दिखाते हुए।

गणेश भट्ट चोट के निशान दिखाते हुए।

कोर्ट ने DGP से मांगी थी रिपोर्ट महिला कांस्टेबल से 5 लाख की ठगी के मामले में गिरफ्तार नकली मेजर गणेश भट्ट को रिमांड पर लेने की क्राइम ब्रांच की अर्जी जिला अदालत ने खारिज कर दी।

पिछली सुनवाई में अदालत ने डीजीपी से रिपोर्ट भी मांगी थी कि यह केस क्राइम ब्रांच से हटाकर किसी और थाने को क्यों न दिया जाए।

वजह ये है कि खुद क्राइम ब्रांच पर सवाल उठ रहे हैं- एक तो इस ठगी में क्राइम ब्रांच के ही एक इंस्पेक्टर पर आरोप हैं, दूसरा, आरोपी गणेश ने पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर और मारपीट के आरोप लगाए हैं।

वकील निखिल के. वशिष्ठ।

वकील निखिल के. वशिष्ठ।

यूनिफॉर्म करनी है बरामद जांच अधिकारी ने जिला अदालत को बताया कि आरोपी गणेश भट्ट को जयपुर ले जाकर उसकी आर्मी यूनिफॉर्म बरामद करनी है। इसके अलावा उसका मोबाइल गुरुग्राम से और उसके बैंक अकाउंट्स की भी जांच करनी है।

वहीं, आरोपी के वकील निखिल के. वशिष्ठ ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि गणेश को झूठे केस में फंसाया जा रहा है और पुलिस झूठी कहानी बनाकर उसका रिमांड लेना चाहती है। वकील ने यह भी आरोप लगाया कि पहले भी पुलिस ने हिरासत में गणेश के साथ मारपीट की थी।

एसएसपी को भी दिया था आदेश कोर्ट ने चंडीगढ़ डीजीपी से रिपोर्ट लेने से पहले एसएसपी को आदेश दिया था कि इस मामले की जांच किसी अन्य पुलिस अफसर को दी जाए, जिसके बाद इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच में ही तैनात एएसआई आजाद सिंह को सौंपी गई। जिस पर आरोपी के वकील ने विरोध करते हुए कहा कि जांच अधिकारी क्राइम ब्रांच का ही है और क्राइम ब्रांच इंचार्ज और उसके अधिकारियों के अंडर ही काम करेगा, ऐसे में निष्पक्ष जांच नहीं हो पाएगी।

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