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बीमीएमबी के चेयरमैन मनोत्र त्रिपाठी प्रेस कांफ्रेंस में सवालों के जवाब देते हुए।
पंजाब की बाढ़ से राज्य के 23 जिलों में करीब 3.75 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और अब तक 36 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस बार डैमों में 2023 के मुकाबले 20
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उन्होंने कहा कि डैम से पानी छोड़ने का फैसला सभी राज्यों की सहमति से लिया जाता है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर भाखड़ा और पौंग डैम नहीं बने होते, तो पंजाब में जून से ही बाढ़ आ जाती।
इस तरह डैमों में पानी आया चेयरमैन ने बताया कि पौंग डैम में इस बार कुल 11.70 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) पानी आया है, जबकि 2023 में यह मात्रा 9.52 BCM थी। इसी तरह भाखड़ा डैम में 9.11 BCM पानी आया है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में भाखड़ा में जल प्रवाह थोड़ा कम हुआ है,
जिससे दबाव कम करने में मदद मिली है, लेकिन पौंग डैम में अभी भी एक लाख क्यूसेक से अधिक जल प्रवाह जारी है। हालांकि राहत की खबर यह है कि आने वाले चार-पाँच दिनों तक मौसम साफ रहने की संभावना है, जिससे चिंता की कोई बड़ी बात नहीं है।
बीबीएमबी का चंडीगढ़ मुख्यालय ।
तीन एजेंसियों के डेटा के आधार पर स्ट्रैटजी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि पहले पहले डैम के लिए रिजर्व वायर संबंधी नियम नहीं था। मगर, 2023 में रूल सेंटर कमीशन वाटर ने बनाया था। यह डेटा मौसम विभाग और बीबीएमबी की ओर से मुहैया करवाया जाता है। वहीं, उन्होंने बताया कि हम भी तीन एजेंसियों भारत मौसम विभाग व दोनों अन्य एजेंसियों की भविष्यवाणी की स्टडी की जाती है। हालांकि अब थोड़ी राहत वाली बात है।
हरियाणा ने कम पानी मांगा था पंजाब-हरियाणा जल बंटवारे के विवाद संबंधी जब बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने से जब पूछा गया कि अगर भाखड़ा बांध से पहले पानी हरियाणा को दे दिया जाता तो बाढ़ नहीं आती। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि “हम यह नहीं कह सकते कि वास्तव में बाढ़ इसी कारण आई, क्योंकि हरियाणा ने जितना पानी मांगा था, वह बहुत कम था। हालांकि, इससे भाखड़ा बांध में थोड़ी राहत ज़रूर मिली होगी।
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BBMB बोला-इस बार डैमों में 20% ज्यादा पानी: चेयरमैन बोले-डैम न होते तो जून से ही आती बाढ़; पंजाब में 3.75 लाख लोग प्रभावित – Punjab News