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सुखदेव चौहान
करनाल। पेरिस पैरा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर लौटे अंतरराष्ट्रीय शटलर नीतेश कुमार का करनाल में भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के जिस खिलाड़ी से उन्होंने पहले आठ बार शिकस्त खाई, उसी को नौंवी बार ओलंपिक में मात देकर स्वर्ण पदक जीता है।
नीतेश ने युवा बैडमिंटन खिलाड़ियों को प्रेरणा देते हुए कहा कि जब इरादे मजबूत हो तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। लिबर्टी समूह की ओर से आयोजित कार्यक्रम में नितेश ने परिवार सहित पहुंचकर युवा खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और उन्हें निरंतर अभ्यास करने की प्रेरणा दी।
उन्होंने कहा कि फाइनल मैच में वह पहले से ही इरादा करके गए थे कि मैं जीतकर ही लौटूंगा। मुझे अंदाजा था कि फाइनल मैच काफी लंबा चलने वाला है, मैंने अपना संयम बनाए और बेथेल की गलतियों से मेरा हौसला बढ़ता गया। मैच में अंतिम क्षण तक काफी रोमांचक मुकाबला हुआ। इससे पहले सेमीफाइनल में जापान के दाईसुके फुजियारा को हराया। वह काफी अच्छे खिलाड़ी है और काफी लंबा खेलते है। कोविड से पहले मैं कभी उनसे मैच नहीं जीता व कोविड के बाद मैं कभी उनसे मैच नहीं हारा। बी 24 बैडमिंटन अकादमी में नीतेश ने साक्षात्कार के दौरान बताया कि उन्होंने अपना लक्ष्य पहले से तय कर लिया था कि इस बार मुझे देश के लिए स्वर्ण पदक हर हाल में ही जीतना है।
उन्होंने बताया कि वह हर बार ब्रिटेन के डेनियल बेथेल से हारे ही है लेकिन इस बार उन्होंने फाइनल में मैच में बेथेल को हराकर साबित कर दिया कि भारत के खिलाड़ियों काबिलियत है कि वह मेहनत के बलबूते किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते है।
इससे पूर्व शुक्रवार को नीतेश का करनाल पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। पानीपत से करनाल पहुंचे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नीतेश कुमार का शहर के नमस्ते चौक पर बी 24 अकादमी के संचालक नरेंद्र कुकरेजा व उनकी टीम और उनके सहयोग राकेश पांडेय द्वारा स्वागत किया गया। वहां से नितेश रेलवे रोड स्थित लिबर्टी समूह के कार्यालय पहुंचे। वहां पर निदेशक एवं जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के प्रधान रमन बंसल द्वारा लिबर्टी समूह की ओर से भव्य स्वागत किया गया।
शाम के समय निर्मल विहार स्थित बी 24 अकादमी में पहुंचे नीतेश कुमार ने अकादमी के खिलाड़ियों को बताया कि हमें सफलता को हासिल करने के लिए निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए। अभ्यास के द्वारा हम अपने खेल को अधिक प्रभावी व आकर्षक बना सकते है। इस मौके पर रविंद्र भाटिया, सतपाल सतिजा, परमजीत, कोच शिवम, शालू व निखिल मौजूद रहे। संवाद
वर्ल्ड नंबर वन रैंकिंग खिलाड़ी बने
पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर नीतेश वर्ल्ड नंबर वन रैंकिंग खिलाड़ी बन गए है। फाइनल मैच में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल के जीतने की संभावना काफी ज्यादा था, उनका रिकॉर्ड मुझ से काफी बेहतर भी रहा है। इस मैच के दौरान बेथेल पर ज्यादा दबाव था क्योंकि उनके दर्शकों की संभावनाएं ज्यादा थी। मुझे शुरू के दो दिन राउंड में ही पता चल गया था कि वह प्रेशर में खेल रहे है, मैंने उसी का फायदा उठाया और खेल को गहराई तक लेकर गया। अंत में संयम रखते हुए जीत दर्ज की।
जापान के फुजियारा को देखकर बनाई रणनीति
नीतेश ने बताया कि मैंने जापान के दाईसुके फुजियारा को सेमीफाइनल में 21-12 से शिकस्त दी। उसी को खेलते देखकर मैंने अपनी रणनीति तय की। दाईसुके और मेरी दिव्यांगता एक है इसलिए मैंने अपना बनावटी पैर उन्हीं के मुताबिक तैयार करवाया। मैं कोविड से पहले कभी फुजियारा से जीता नहीं व कोविड के बाद कभी उनसे हारा नहीं।
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Karnal News: जिससे आठ बार हारे, उसे नौंवी बार ओलंपिक में मात देकर जीता स्वर्ण पदक