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देव शर्मा
करनाल। हरियाणा की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर करनाल जिले की पांच में से दो सीटों पर अपने पत्ते खोल दिए हैं। इसमें नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर को भाजपा सरकार से बेवफाई और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ खड़े होने का इनाम मिला तो असंध से विधायक शमशेर सिंह गोगी की पार्टी से वफादारी काम आ गई। पार्टी ने उन्हें दोबारा मौका दिया है।
नीलोखेड़ी सीट पर धर्मपाल गोंदर ने भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद आजाद उम्मीदवार के तौर पर पिछला चुनाव लड़ा था। वह इससे पहले लंबे समय से भाजपा के साथ जुड़े थे। उन्होंने 2009 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था लेकिन जीत हासिल नहीं हो सकी थी, लेकिन 2019 में उन्होंने भाजपा से फिर टिकट की मजबूत दावेदारी पेश की थी तो उनका पलड़ा हल्का रह गया और टिकट भगवानदास कबीरपंथी को मिल गया था।
इसके बाद उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ ही अपनी आजाद उम्मीदवारी की और भाजपा प्रत्याशी भगवानदास कबीरपंथी को 2222 मतों से हराकर सीट हथिया ली। इसके बाद जब हरियाणा में भाजपा की ही सरकार रही तो उन्होंने मौके की नजाकत को समझा और सरकार को समर्थन दे दिया। साढ़े चार साल तक वह सत्ता के साथ रहे लेकिन पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के ऐन मौके पर उन्होंने एक बार फिर हवा का रुख भांपा और भाजपा सरकार का दामन छोड़ दिया।
इस पर एक बार तो सरकार पर भी संकट के बादल छाते दिखे। वह उसी दौरान कांग्रेस नेता एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ जाकर खड़े हो गए और कांग्रेस के दामन मि लिया। शायद उन्हें पहले ही पूर्व सीएम ने नीलोखेड़ी से टिकट का भरोसा दे दिया था, जो आज सामने आया। हालांकि नीलोखेड़ी से भी कई कांग्रेसी चेहरे ऐसे हैं जो लंबे समय से अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे।
जहां तक असंध विधानसभा क्षेत्र की बात है तो ये सीट 2019 में भी कांग्रेस की झोली में आई थी। कांग्रेस ने भाजपा उम्मीदवार को पछाड़ा था। यहां के मौजूदा विधायक शमशेर सिंह गोगी पर ही पार्टी एक बार फिर भरोसा जताया है। कांग्रेस की आंतरिक गुटबाजी में कहीं न कहीं विधायक शमशेर सिंह गोगी भी अछूते नहीं रहे। पूर्व सीएम चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सभाओं व उनके द्वारा आयोजित पार्टी कार्यक्रमों में शमशेर सिंह गोगी कभी नहीं दिखे, लेकिन वह कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं मौजूदा सांसद कुमारी सैलजा के साथ खड़े नजर आए, हालांकि शमशेर सिंह गोगी के मौजूदा होने के बावजूद यहां से कई कांग्रेस नेताओं ने मजबूत दावेदारी पेश कर रखी थी।
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Karnal News: सरकार से बेवफाई का गोंदर तो कांग्रेस से वफादारी का गोगी को मिला इनाम