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अंबाला। बाल तस्करी की सूचना पर वीरवार को एक बार फिर अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पहुंची कर्मभूमि एक्सप्रेस को खंगाला गया। ट्रेन में दबिश के दौरान जिला युवा विकास संगठन के साथ आरपीएफ व जीआरपी की टीमें भी मौजूद रहीं।
टीम ने अलग-अलग कोचों से 10 बच्चों को संरक्षण में लिया जोकि बाल मजदूरी के तहत लुधियाना व जालंधर ले जा रहे थे। सभी बच्चों को संरक्षण में लेकर अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल से मेडिकल करवाया गया और उन्हें जिला बाल संरक्षण समिति के समक्ष पेश करके बाल भवन भेज दिया गया।
15 बच्चों की थी सूचना : जिला युवा विकास संगठन के पदाधिकारियों को बिहार के सहरसा से सूचना मिली थी कि ट्रेन नंबर 12407 कर्मभूमि एक्सप्रेस में बाल तस्करी के तहत 15 बच्चे ले जाए जा रहे हैं। सूचना के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया और एक टीम का गठन करके दबिश की तैयारी शुरु की।
ट्रेन एक घंटे की देरी से लगभग 2:10 बजे अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म छह पर पहुंची तो टीम के सदस्य सभी कोच में सवार हो गए। इस दौरान लगभग 15 बच्चों को ट्रेन से उतारा गया, लेकिन परिजनों के साथ होने के कारण पांच बच्चों को वापस ट्रेन में चढ़ा दिया गया। इसके बाद 10 बच्चों को आगामी कार्यवाही के लिए आरपीएफ पोस्ट पर लाया गया।
11 से 16 साल के हैं बच्चे : जिला युवा विकास संगठन के सदस्य अजय ने बताया कि ट्रेन से संरक्षण में लिए गए बच्चों की उम्र 11 से 16 वर्ष के बीच है। यह बच्चे अलग-अलग स्थानों के रहने वाले हैं। इनमें अररिया बिहार, कटिहार,पश्चिम बंगाल, खगड़िया, लुधियाना,चंद्रपुर व मुजफ्फरपुर के बच्चे शामिल हैं, हालांकि इस बार भी कार्रवाई के दौरान सरगना पकड़ में नहीं आया। 21 अगस्त को भी संयुक्त टीम ने कर्मभूमि एक्सप्रेस में दबिश दी थी और इस दौरान 10 बच्चों को संरक्षण में लिया गया था।
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