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जाखल। क्षेत्र से गुजरती घग्गर नदी में पिछले दिनों से पानी का बहाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। मंगलवार शाम को चांदपुरा साइफन पर जलस्तर 14600 क्यूसेक तक पहुंच गया था। बुधवार को यह घटकर 12500 रह गया है। रंगोई नाले में जलस्तर 699 क्यूसेक रहा। मंगलवार शाम यहा करीब 700 क्यूसेक पानी मापा गया था।
नदी में पीछे गुहला चीका व खनौरी हेड पर भी जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है लेकिन फिलहाल पीछे बांधों पर पानी नदी की क्षमता से कई गुना नीचे है। इसके विपरीत जाखल क्षेत्र से गुजरती घग्घर नदी के जलस्तर में हुई एकाएक वृद्धि खतरे का संकेत दे रहीं है। प्रशासन की ओर से चांदपुरा साइफन पर नदी की क्षमता 22 हजार क्यूसेक बताई गईं है। यहां नदी में पानी बढ़ने पर पानी रंगोई नाले में निकास होता है। रंगोई नाला भी करीब 6 हजार क्यूसेक पानी समेट लेता है। अब यहां नदी में जलस्तर का आंकड़ा 12 हजार क्यूसेक के पार पहुंच गया है।
किसानों का कहना है कि यहां पानी का स्तर 18 हजार क्यूसेक पार होने पर ग्रामीणों के लिए संकट बन जाता है। वर्ष 2023 में ऐसा ही हुआ था जब यहां पानी 18 हज़ार क्यूसेक पार हुआ तो घग्घर के तटबंध टूट गए थे। इससे फसलें बर्बाद हो गई थीं। अब अधिकारियों ने घग्घर नदी के किनारे पर गश्त बढ़ा दी है। अधिकारी स्वयं निरीक्षण कर घग्घर के जलस्तर पर नजर रख रहे हैं। लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है।
25 हजार बैग किए तैयार
सिंचाई विभाग के एसडीओ संजीव सिंगला ने बताया कि एहतियात के तौर पर बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की ओर 25 हजार बैग नदी के कमजोर तटबंध के लिए स्टोर कर लिए हैं। मशीन खड़ी की हुईं है। इससे प्रशासन को कहीं पर भी घग्घर या रंगोई के तटबंध कमजोर होने की आशंका लगती है तो मशीन से उसे तुरंत मजबूत कराया जा रहा है। फिलहाल घग्घर में पीछे बांधों पर पानी नदी की क्षमता से काफी नीचे है। चांदपुरा साइफन पर भी स्थिति नियंत्रण में है। अभी यहां पानी क्षमता से काफ़ी कम है। इसके बावजूद भी प्रशासन की टीम मुस्तैद है।
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Hisar News: चांदपुरा हेड में जलस्तर घटकर 12500 पहुंचा


