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अशोक दधीच-रोहित जैन
सिरसा-कालांवाली। क्षेत्र में युवाओं में नशा इस कदर हावी होता जा रहा है कि वे इसकी गर्त में फंसकर असमय जान गंवा रहे हैं और अपने माता-पिता को जीवन भर का गम दे रहे हैं। पुलिस अपने स्तर पर नशा तस्करों को पकड़ रही है और लोगों को जागरूक भी कर रही है, लेकिन नशे का जाल भयावह रूप ले चुका है। इसको पूरी तरह रोक पाना प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बन गया है। पिछले 6 माह में ही जिले में करीब 40 लोग नशे के कारण अपनी जान गवां चुके हैं।
नशे के कारण बेटों को खो देने की टीस परिजनों को सोने नहीं देती। उनका यही कहना है कि नशे ने हमारे बच्चाें को तो लील लिया औरों को जान न गंवानी पडे़। इसके प्रयास होने चाहिए। हालांकि नशे की बढ़ती प्रवृति के कारण कुछ संस्थाएं जागरूक होने लगी हैं। कालांवाली में लोगों ने हर वार्ड में कमेटियां गठित कर दी हैं। जो नशा बेचता है, उसको पकड़कर पुलिस के हवाले किया जा रहा है। पिछले पांच दिनों में कालांवाली में मेडिकल स्टोर पर छापे मारे जा रहे हैं। इससे पहले रानियां में भी यह मुहिम चलाई गई थी।
पीड़ितों की आपबीती
मेरा 22 साल का बेटा राजेश मोहल्ले में सरेआम बिक रहे चिट्टा व मेडिकल नशे का शिकार हो गया। वह अविवाहित था और मजदूरी करता था। चार साल से नशा कर रहा था। जब उन्हें पता चला तब तक उसकी हालत काफी गंभीर हो गई थी। उसे नशामुक्ति केंद्र में भी भर्ती करवाया, लेकिन मेडिकल नशे का टीका लगाने से उसकी मौत हो गई। शहरवासियों ने नशे के खिलाफ जो मुहिम चलाई है, वह सराहनीय है। आगे किसी का बच्चा नशे की गर्त में न जाए, इसके लिए मैं भी शहरवासियों का साथ दूंगा। मैंने तो अपना जवान बेटा खो दिया, लेकिन किसी अन्य को यह दर्द न सहना पड़े, इसके लिए मैं भी लोगों को जागरूक कर रहा हूं।
– हरबंस सिंह निवासी शहर कालांवाली
मेरे 18 वर्षीय बेटे जोनी की नशे के चलते मौत हो गई। वह कई साल से नशा कर रहा था। कालांवाली में सरेआम बिक रहा नशा ही इसका कारण है। वह दो भाइयों व एक बहन में सबसे छोटा था। सरकार व प्रशासन से मांग है कि वह नशे पर रोक लगाए, ताकि किसी भी मां का बेटा असमय दुनिया से न जाए। प्रशासन की ओर से बड़े प्रयास नही हुए। अब शहर के लोगों ने नशे के खिलाफ जंग छेड़ी है, जिसमें मैं भी शामिल होऊंगी। – ऊषा रानी, कालांवाली।
प्रतिदिन 200 मरीजों की हो रही ओपीडी
जिले में तेजी से बढ़ते नशा का उदाहरण नागरिक अस्पताल में निरंतर बढ़ने वाली नशे से ग्रसित मरीजों की ओपीडी भी है। नशा मुक्ति केंद्र में प्रतिदिन 200 मरीजों की ओपीडी हो रही है। इसमें 160 के करीब मरीज उपचार के लिए आते हैं। जबकि 40 मरीज परामर्श के लिए आ रहे हैं।
नशामुक्ति केंद्र में सभी बेड फुल
नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से नशामुक्ति केंद्र खोला गया है। इस केंद्र में 20 बेड हैं। सभी बेड फुल हैं। ओएसटी केंद्र में भी 1500 के करीब पंजीकृत मरीज हैं। इनको प्रतिदिन नशा छोड़ने की दवा दी जाती है।
युवाओं में नशे की प्रवृति दूर करने के लिए स्थानीय नागरिक अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र खोला गया है। यहां जो नशा छोड़ना चाहते हैं, उनको नियमित दवा दी जा रही है। – डॉ. महेंद्र भादू, सिविल सर्जन, सिरसा।
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Sirsa News: नशा लील रहा जिंदगी…परिवार उजड़े, बुजुर्ग माता-पिता का छिन रहा सहारा


