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पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि भारत में गाय का विशेष और पवित्र दर्जा है। अगर किसी समुदाय की गहरी आस्थाओं को ठेस पहुंचती है तो इससे सार्वजनिक शांति बिगड़ सकती है।
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दरअसल, आरोपी आसिफ पर आरोप है कि वह हरियाणा गोवंश संरक्षण एवं गोसंवर्धन अधिनियम और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का उल्लंघन करते हुए दो गायों की हत्या के लिए राजस्थान ले जा रहा था। इसी मामले में उसने अग्रिम जमानत मांगी थी, लेकिन अदालत ने उसे राहत देने से इनकार कर दिया।
गाय सिर्फ पवित्र नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था का भी हिस्सा
जस्टिस संदीप मौदगिल ने कहा कि भारतीय समाज में गाय का विशेष स्थान है। यह न केवल धार्मिक रूप से पूजनीय है, बल्कि कृषि अर्थव्यवस्था का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। अदालत ने कहा कि भारत जैसे विविध समाज में कुछ काम भले ही निजी लगें, लेकिन वे समाज की शांति पर गहरा असर डाल सकते हैं।
अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले (गुजरात बनाम मिर्जापुर मोती कुरैशी, 2005) का हवाला देते हुए कहा कि गोहत्या पर रोक लगाने वाले कानून पूरी तरह वैध हैं और संविधान के मूल्यों को दर्शाते हैं।
आरोपी पर पहले भी हैं मामले
कोर्ट ने बताया कि आसिफ पहली बार आरोपी नहीं है। उस पर पहले भी गोहत्या से जुड़े तीन केस दर्ज हो चुके हैं। उन मामलों में उसे जमानत का फायदा मिला, लेकिन उसने उसका दुरुपयोग किया।
न्यायाधीश ने कहा कि अग्रिम जमानत का मकसद निर्दोष लोगों को गलत गिरफ्तारी से बचाना है, न कि आदतन अपराधियों को ढाल देना। अदालत ने साफ किया कि आरोपी भविष्य में भी इसी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हो सकता है, इसलिए उसे जमानत नहीं दी जा सकती।
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गाय का भारत में विशेष दर्जा, हाईकोर्ट ने जमानत ठुकराई: हाईकोर्ट बोला: शांति पर हो सकता है गहरा असर, राजस्थान लेकर जा रहे थे – Chandigarh News