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Karnal News: पुराने दस्तावेज नहीं, लाल डोरा की 10,560 संपत्तियों में से 1300 के ही प्रमाणपत्र बने Latest Haryana News

Karnal News: पुराने दस्तावेज नहीं, लाल डोरा की 10,560 
संपत्तियों में से 1300 के ही प्रमाणपत्र बने Latest Haryana News

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करनाल।

पुराने शहर के सात द्वारों के अंदर और शहर के आसपास बसे 15 गांव में लाल डोरा क्षेत्र में सालों से रह रहे लोगों को अब तक अपनी संपत्ति का मालिकाना हक नहीं मिल पाया है। कारण यहां के अधिकांश लोगों के पास दस साल पुराने दस्तावेज नहीं हैं। जो प्रमाणित करते हों कि ये लोग अपनी संपत्तियों के मालिक हैं। 10,560 संपत्तियों में से केवल 1300 के ही प्रमाणपत्र बन पाए हैं।

लाल डोरा में रहने वाले लोग अपनी संपत्तियों का पंजीकरण यानी रजिस्ट्री तभी करा सकते हैं जब उनके पास उनकी संपत्तियों के पुराने दस्तावेज होंगे। निगम क्षेत्र में लाल डोरा की ऐसी करीब 10,560 संपत्तियां हैं। अब तक नगर निगम ने इनमें से केवल 1300 लोगों के संपत्ति प्रमाणपत्र ही बनाए हैं। निगम के अनुसार 200 संपत्तियों के प्रमाणपत्र और तैयार किए जा चुके हैं। अब निगम लाल डोरा में रहने वाले लोगों से संपत्ति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अपील कर रहा है। प्रमाणपत्र बनाने के लिए विशेष शिविर लगा रहा है।

शनिवार को वार्ड-15 के जाटों गेट क्षेत्र की जाट चौपाल में सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक एक शिविर लगाया गया। इसमें जानकारी लेने के लिए तो सैकड़ों लोग आए लेकिन आवेदन केवल 31 ही जमा हो सके। क्योंकि इन लोगों के पास ही दस्तावेज पूरे थे। केवल 20 संपत्तियों काे स्वयं प्रमाणित किया जा सका। लाल डोरा क्षेत्र के लोगों को सरकार की ऋण व अन्य योजनाओं, जिनमें संपत्ति के प्रमाणपत्र की जरूरत होती है, का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

10 साल पुराने ये दस्तावेज चाहिए-

लाल डोरा क्षेत्र की संपत्ति के प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लोगों को पिछले 10 वर्षों के कब्जे के दस्तावेजों में से कोई दो दस्तावेज देने होंगे। राजस्व प्राधिकारी की ओर से सत्यापित दावेदार का शपथपत्र जिसमें आबादी देह, लाल डोरा पर स्वामित्व या कब्जे का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। पिछले 10 वर्षों का बिजली व पानी का बिल, सरकार की ओर से जारी कोई दस्तावेज जैसे ईपीआईसी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, जीएसटी पंजीकरण प्रमाणपत्र इत्यादि जिसमें पता दर्ज हो। पिछले 10 वर्षों के कब्जे का पता और कब्जे का विवरण देने वाली संपत्ति कर रसीदें और निर्मित संरचना का प्रमाण भी होना चाहिए।

पिछले 10 वर्षों के कब्जे का प्रमाण देने वाला दस्तावेज भी होना चाहिए। दावेदार बिक्री विलेख, हस्तांतरण विलेख, त्याग विलेख, रिहाई विलेख, जमाबंदी, फरद, राजस्व प्राधिकारियों के पास पंजीकृत न्यायालय का आदेश, रजिस्ट्री भी संलग्न कर सकते हैं। सबसे खास बात ये है कि मूल मालिक की मृत्यु की स्थिति में उपरोक्त दस्तावेजों के साथ सक्षम राजस्व प्राधिकारी या सिविल न्यायालय से जारी कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र अवश्य देना होगा।


नगर निगम सीमा में जिन नागरिकों की संपत्ति लाल डोरा क्षेत्र के अंतर्गत आती है उन संपत्ति धारकों को हरियाणा सरकार की ओर से लागू की गई पॉलिसी के अनुसार संपत्ति प्रमाणपत्र जारी किए जाने हैं। ऐसे लोग निगम में अपने दस्तावेजों के सहित आवेदन कर सकते हैं। -डॉ. वैशाली शर्मा, आयुक्त, नगर निगम।

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