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गांव कुला के सरपंच व ग्राम सचिव पर मिलीभगत के आरोप लगाने के मामले में खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी द्वारा रिकॉर्ड मांगने के बावजूद ग्राम सचिव द्वारा अभी तक मनरेगा कार्यालय में रिकॉर्ड जमा नहीं करवाया गया है। वहीं, खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी की माने तो इस मामले में जांच चल रही है। रिकॉर्ड मिलने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। जानकारी अनुसार गांव कुला के मनरेगा मजदूरों ने राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला को लिखित में ज्ञापन देकर गांव के सरपंच गुरप्रीत सिंह व सचिव पर मिलीभगत करने व मजदूरों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इस दौरान उन्होंने दो वर्ष पहले नहरी खाल पर बिना मस्टरोल के काम करवाने, खाल की सफाई करवाने, डेरा बाबा सुंदर नाथ जोहड़ पर इंटरलॉकिंग ब्लॉक उठाने के कार्य की पेमेंट ने देने का आरोप भी लगाया था। इस शिकायत के बाद राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला ने कार्रवाई करते हुए खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी को मामले में निष्पक्ष जांच करने के लिए कहा था। खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी हनीश कुमार ने 12 अगस्त को गांव के सरपंच व ग्राम सचिव रमन को पत्र लिखकर 2024_ 25 वह 2025 _26 का रिकॉर्ड लेकर मनरेगा कार्यालय में आने के लिए कहा था लेकिन अभी तक दोनों में से किसी ने भी रिकार्ड जमा नहीं करवाया है। खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी ने पत्र में कहा था कि ग्राम पंचायत की शिकायत में कार्यालय में आई है इसलिए निर्देश दिए जाते हैं कि ग्राम पंचायत कुला में दोनों वर्षों वर्ष में किसी भी योजना के तहत मजदूरों की अदायगी हुई है, उसका रिकॉर्ड मनरेगा कार्यालय में 18 अगस्त तक प्रस्तुत किया जाए लेकिन कोई भी रिकॉर्ड पेश नहीं किया गया है। इस बारे में मनरेगा एबीपीओ अरुण जिंदल ने बताया कि खंड पंचायत एवं विकास अधिकारी द्वारा ग्राम सचिव व ग्राम सरपंच को रिकार्ड सहित पेश होने के लिए कहा गया था लेकिन दोनों की तरफ से कोई रिकॉर्ड प्राप्त नहीं हुआ है अब मामले में आगामी कार्रवाई की जाएगी।
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