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फतेहाबाद। जिले की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक चिकित्सा सुविधा की कमी है। सरकारी अस्पताल रेफरल सेंटर बन चुके हैं। गांवों में बने उप केंद्रों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में इलाज के नाम पर सिर्फ टीकाकरण है। जिला नागरिक अस्पताल तक में आपातकालीन केंद्र में इलाज के नाम पर सिर्फ प्राथमिक उपचार की मरहम पट्टी है। इसके बाद सीधे घायल या मरीज को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है।
जिले की आबादी 10 लाख से ज्यादा है। बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए यहां के नागरिकों को 50 किलोमीटर दूर हिसार जाना पड़ता है। चिकित्सा सुविधा देने के नाम पर फतेहाबाद में 200 बेड और टोहाना में 100 बेड का नया अस्पताल निर्माणाधीन है। मगर विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में खाली भवनों से बेहतर इलाज की उम्मीद नहीं हो सकती।
जिला मुख्यालय के अस्पताल में पिछले सात साल से सर्जन, फिजिशियन, हड्डी रोग विशेषज्ञ तक नहीं है। अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सिटी स्कैन जैसे जरूरी टेस्ट की भी कोई सुविधा नहीं है। पिछले पांच सालों से लगातार नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन 20 फीसदी भी सुधार नहीं हुआ है।
आयुष्मान कार्ड के भरोसे इलाज
सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति तो बेहद लाचार हो चुकी है। मगर प्रदेश सरकार ने आयुष्मान कार्ड बनाकर लोगाें के लिए निजी अस्पतालों में इलाज का रास्ता खोल दिया है। जिले के 6 लाख पचास हजार लोगों के अभी तक आयुष्मान कार्ड बनवाए जा चुके हैं। जिले के 19 प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्मान योजना के पैनल में जोड़ा हुआ है। इन अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के जरिये लोगों को साल में पांच लाख रुपये तक का इलाज मिल रहा है। अब तक जिले में आयुष्मान योजना के तहत 68 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हो चुका है।
ग्रामीण इलाकों में भी बुरी हालत
जिले में 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप केंद्र 131 बने हुए हैं। मगर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का सबसे बुरा हाल है। उप केंद्र तो केवल टीकाकरण तक सीमित हैं। पीएचसी में सिर्फ खांसी-जुकाम या बुखार तक की टेबलेट मिल जाती हैं। इससे आगे के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है। 18 में से 8 पीएचसी में ही गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की सुविधा है। यहां भी सिर्फ नॉर्मल डिलीवरी के केस लिए जाते हैं। अगर थोड़ा सा भी केस सीरियस हो तो सीधे हिसार ले जाना पड़ता है।
जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं नाममात्र हैं। नागरिक अस्पताल में तो फिजिशियन तक नहीं है। सर्जन का पद तो लंबे समय से खाली पड़ा है। पिछले पांच साल में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए विधायक या सरकार की तरफ से कुछ नहीं किया गया।
-विकास मेहता, शहरवासी
स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में फतेहाबाद जिला सबसे अधिक पिछड़ा हुआ है। छोटी सी बीमारी के इलाज के लिए भी लोगों को 50 किलोमीटर दूर हिसार जाना पड़ता है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद अभी तक ईएसआई डिस्पेंसरी शुरू नहीं हो सकी है।
-रामनिवास शर्मा, शहरवासी
प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। फतेहाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े सुधार की जरूरत है। 200 बेड का नया अस्पताल तो बन रहा है, लेकिन बिना डॉक्टर के बिल्डिंग का क्या करेंगे। पहले डॉक्टर तो उपलब्ध हों।
-राजपाल मित्ताथल, शहरवासी
:: स्वास्थ्य सुविधाएं तब सुधरेंगी, जब इन्हें सुधारने का गंभीरता से प्रयास किया जाए। फतेहाबाद के जनप्रतिनिधियों को आम जनमानस के लिए सुविधाएं बढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। स्वास्थ्य तो मूलभूत सुविधा है। मगर सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है।
-मोहनलाल नारंग, पार्षद, वार्ड 12, फतेहाबाद
:: स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए काफी प्रयास किए हैं। पुराना अस्पताल छोटा पड़ गया था, इसलिए 200 बेड के अस्पताल के नए भवन का हुडा सेक्टर 9 में काम चल रहा है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी शुरू हुए हैं। आयुष्मान योजना से लोगों को खूब लाभ मिला है।
-दुड़ाराम, विधायक, फतेहाबाद
जिले में सरकारी स्वास्थ्य संस्थान व डाक्टरों की स्थिति
अस्पताल
स्वीकृत
कार्यरत
खाली पड़े पद
नागरिक अस्पताल फतेहाबाद
42
24
18
नशा मुक्ति केंद्र
01
01
00
पालीक्लीनिक अस्पताल
02
00
02
सरकारी अस्पताल टोहाना
42
10
32
रतिया अस्पताल
11
06
05
सीएचसी भूथनकलां
07
05
02
सीएचसी भट्टूकलां
07
03
04
सीएचसी बड़ोपल
07
07
00
सीएचसी जाखल
07
04
03
सीएचसी भूना
07
05
02
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