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सोनीपत में आइ लव माई विलेज बोर्ड घोटाला।
हरियाणा में गांवों की पहचान और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। सोनीपत और करनाल में गांवों के बाहर लगाए जाने वाले “आइ लव माई विलेज” साइन बोर्ड और वाटर कूलर खरीद-स्थापना को लेकर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच सीएम फ्लाइंग को सौंपी गई है। लेकिन जांच में सहयोग के लिए मांगी गई रिपोर्ट बीडीपीओ स्तर से अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिससे शक और गहराता जा रहा है। गांवों में साइन बोर्ड और वाटर कूलर खरीद पर गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद चंडीगढ़ मुख्यालय स्तर से मामले की जांच फ्लाइंग को सौंप दी गई।
टीम ने सोनीपत के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) को लेटर लिखकर खरीद प्रक्रिया से जुड़े नियम, बिल और अन्य दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियां मांगी हैं।
बीडीपीओ ने नहीं भेजी रिपोर्ट डीडीपीओ ने 30 जुलाई को सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों (गन्नौर, मुरथल, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना, मुंडलाना और कथूरा) को लेटर लिखकर चार अगस्त तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। लेकिन अब तक किसी भी बीडीपीओ ने रिपोर्ट नहीं भेजी। अधिकारी मान रहे हैं कि रिपोर्ट पर कुंडली मारकर बैठना घोटाले को दबाने की कोशिश है।
जिले में जांच-पड़ताल करने पर आइ लव माई विलेज बोर्ड अधिकांश गांवों में नजर ही नहीं आते। गन्नौर ब्लॉक के गांव बेगा में एक बोर्ड दिखा, जबकि बजाना गांव में सीमेंटेड दीवार पर लिखा गया है। बाकी स्थानों पर यह काम सिर्फ कागजों में पूरा दिखाया गया और फर्जी बिल लगाकर भुगतान ले लिया गया होने के आरोप हैं।
रिपोर्ट में मांगी गई जानकारी सीएम फ्लाइंग ने स्पष्ट किया है कि 2021 से 2025 तक कितने गांवों में बोर्ड लगाए गए, प्रति बोर्ड कितनी राशि खर्च हुई, कितने वाटर कूलर खरीदे गए और किस दर से लगाए गए—इसकी पूरी जानकारी चाहिए। इसके साथ ही खरीद की नियमावली और बिलों की सत्यापित प्रतियां भी मांगी गई हैं।
डीडीपीओ कार्यवाहक ललिता वर्मा ने बताया कि बीडीपीओ से रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन अब तक नहीं मिली। दोबारा रिमाइंडर भेजा गया है और जल्द ही जानकारी नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
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सोनीपत और करनाल में ‘आइ लव माई विलेज’ बोर्ड घोटाला: वाटर कूलर खरीद में गड़बड़ी, सीएम फ्लाइंग जांच शुरू; बीडीपीओ रिपोर्ट नहीं दे रहे – Sonipat News
