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भिवानी के ढाणी लक्ष्मण निवासी शिक्षिका मनीषा की मौत कीटनाशक से हुई थी। पीजीआई के फॉरेंसिक विभाग ने जहर के असर से शिक्षिका मनीषा की मौत की पुष्टि की है। रिपोर्ट में मोनोप्रोटोफोस इंसेक्टिसाइड मिला है। यह शरीर के लिए काफी हानिकारक है।
पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल ने सोमवार शाम जांच कमेटी के साथ बैठक के बाद दावा किया कि मनीषा के चेहरे पर किसी प्रकार के तेजाब डालने की भी पुष्टि नहीं हुई है। एमएस ने कहा कि मनीषा की एफएसएल रिपोर्ट की जांच के लिए पीजीआई में चिकित्सकों का पैनल बनाया गया।

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मनीषा सुसाइड नोट
– फोटो : संवाद
शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं
भिवानी के बाद पीजीआई में भी शव का पोस्टमार्टम किया गया। इस रिपोर्ट में महिला से दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे। गर्दन पर मिले निशान किसी जंगली जानवर के काटने से बने हैं। इसी कारण गर्दन की हड्डियां टूटी हैं। गला रेतकर हत्या नहीं की गई है।

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मनीषा हत्याकांड में प्रदर्शन
– फोटो : संवाद
मनीषा का शव मिलने के पांच दिन बाद सुसाइड नोट मिलने का दावा

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शिक्षिका की हत्या के विरोध में जाम लगाते परिजन और अन्य
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुलिस ने यह भी दावा किया कि मौत से पहले मनीषा ने 11 अगस्त को एक दुकान से कीटनाशक खरीदा था जिसकी पुष्टि हो चुकी है। इधर, धरना कमेटी ने पुलिस की जांच पर असंतोष जताते हुए मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की।

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घटनास्थल से शव को लेकर जाती पुलिस
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुलिस ने 10 सैंपल लैब में भेजे थे
मनीषा की मौत मामले में भिवानी पुलिस दो बार शव का पोस्टमार्टम करा चुकी है। पहला पोस्टमार्टम 13 अगस्त को भिवानी जिला नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के बोर्ड ने किया था। 15 अगस्त को दूसरा पोस्टमार्टम रोहतक पीजीआई में चिकित्सकों के बोर्ड ने किया था। पुलिस ने 10 सैंपल एफएसएल जांच के लिए लैब भेजे थे।
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