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कुरुक्षेत्र/लाडवा। कुरुक्षेत्र की धरा लाडवा में इस बार चुनावी महाभारत बेहद रोचक होने वाला है। अभी तक चुनाव की तैयारी में जुटे रहे भाजपा-इनेलो व कांग्रेस के कद्दावर नेता अपनी-अपनी जीत का दम भरते रहे तो वहीं टिकट मिलने की भी प्रबल संभावना जताते हुए जनता के बीच उतरे रहे। अभी तक इन नेताओं से लेकर आम लोग भी चुनाव में जीत के समीकरण अपने-अपने अनुसार बैठाते रहे लेकिन भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री नायब सैनी को मैदान में उतारे जाने के बाद यहां चुनावी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री नायब सैनी के यहां से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चाएं काफी दिनों से जारी थी लेकिन दूसरी पार्टियों के नेताओं को यह महज अटकलें ही लग रही थी। अब मुख्यमंत्री को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा हुई तो दूसरी पार्टियों के नेताओं व कार्यकर्ताओं को पसोपेश में डाल दिया है। सैनी बाहुल्य इस क्षेत्र में यह दूसरा मौका है जब भाजपा की ओर से इस समाज का प्रत्याशी मैदान में उतारा है। इससे पहले वर्ष 2014 के चुनाव में डॉ. पवन सैनी ने यहां भाजपा का कमल खिलाया था जबकि दूसरी बार इसमें वे कामयाब नहीं हो पाए थे।
एक लाख 95 हजार 816 मतदाता करेंगे फैसला
क्षेत्र में एक लाख 95 हजार 816 मतदाता यहां का फैसला करेंगे। इनमें मुख्य तौर पर सबसे ज्यादा करीब 20 फीसदी सैनी, 18 फीसदी जाट, 10 फीसदी ब्राह्मण, छह फीसदी कश्यप समाज के वोट माने जाते हैं जबकि अन्य विभिन्न समाज के मतदाता भी अपना स्थान रखते हैं।
इनेलो के शेर सिंह बड़शामी बने थे क्षेत्र के पहले विधायक
वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के बाद लाडवा विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था, जहां अगले ही साल 2009 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में इनेलो के दिग्गज नेता शेर सिंह बड़शामी विधायक बने थे। 2014 के चुनाव में यहां भाजपा कमल खिलाने में कामयाब रही थी और डॉ. पवन सैनी विधायक बने थे। गत 2019 के चुनाव में यहां कांग्रेस के मेवा सिंह भाजपा के डॉ. पवन सैनी को हराकर 57 हजार 665 वोटों के साथ विधायक बने थे। यहां के लोगों ने अभी तक किसी को दोबारा मौका नहीं दिया है जबकि शेर सिंह बड़शामी को इस बार भी इनेलो मैदान में उतार चुकी है तो वहीं कांग्रेस की ओर से भी वर्तमान विधायक मेवा सिंह की टिकट तय मानी जा रही है। भाजपा का डॉ. पवन सैनी को दोबारा मैदान में उतारे जाने का प्रयोग भी यहां सफल नहीं हो पाया था।
मुख्यमंत्री के लिए उम्मीद अनुसार आसान नहीं होगी राह
भले ही मुख्यमंत्री नायब सैनी के लिए लाडवा को सुरक्षित सीट माना गया है लेकिन यहां उम्मीद अनुसार राह आसान नहीं होगी। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के नवीन जिंदल को इस क्षेत्र से 47.14 फीसदी वोट मिले थे जबकि कांग्रेस-आप के संयुक्त उम्मीदवार डॉ. सुशील गुप्ता यहां से 40.91 फीसदी वोट लेने में कामयाब रहे थे। इस बार भी कांग्रेस-आप का गठबंधन होने की चर्चाएं हैं तो वहीं इनेलो ने भी अपने पुराने चेहरे व दिग्गज नेता शेर सिंह बड़शामी को मैदान में उतारा हुआ है। इनेलो-बसपा के साथ गठबंधन कर चुकी है और बड़शामी पिछले दिनों यहां अपना शक्ति प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
लाडवा क्षेत्र के मुख्य मुद्दे
– बाईपास का निर्माण
– कुरुक्षेत्र-लाडवा-यमुनानगर रोड का चौड़ीकरण
– बाबैन में राजकीय महिला कॉलेज
– पिपली में अंतरराज्जीय बस अड्डा
एमपी रहते धन्यवाद करने तक नहीं पहुंचे थे नायब सैनी : मेवा सिंह
कांग्रेस के वर्तमान विधायक मेवा सिंह का कहना है कि भाजपा ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को यहां उम्मीदवार बनाया है लेकिन वे इस क्षेत्र में कैसे जनता के बीच पहुंचेंगे। क्योंकि कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र के सांसद रहते हुए एक दिन भी इस क्षेत्र के किसी गांव व शहर में नहीं आए और न ही कोई परियोजना ही स्थापित करवा सके। उन्होंने सांसद बनने के बाद इस क्षेत्र के लोगों का धन्यवाद तक नहीं किया। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी यहां के लोगों को कुछ नहीं दे पाए। अब वे चुनाव लड़ने आएंगे तो जनता सवाल पूछेगी।
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Kurukshetra News: मुख्यमंंत्री नायब सैनी के मैदान में आने से बदलेंगे लाडवा विधानसभा क्षेत्र के समीकरण