[ad_1]
– आठ सितंबर तक रोजाना नेत्र विभाग में लगाया जा रहा जागरूकता शिविर
संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। जिले में 39वें नेत्रदान पखवाड़े के 11वें दिन नागरिक अस्पताल के नेत्र विभाग में वीरवार को नेत्रदान के प्रति मरीजों को जागरूक किया। वहीं डॉक्टरों ने बताया कि आजकल विटामिन ए कमी के कारण जन्मजात अंधता नवजातों में बढ़ रही है। ऐसे में महिलाओं को गर्भावस्था में भरपूर मात्रा में विटामिन युक्त खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। जिससे नवजात की आंखों पर अच्छा असर पड़ सके।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नितिका ने बताया कि बचपन में हुई दृष्टिहीनता का इलाज महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रभावित बच्चों को कई वर्षों तक दृष्टिहीन रहना पड़ता है। हमारे देश में दृष्टिहीन बच्चों में से लगभग आधे से अधिक का इलाज अथवा बचाव संभव है। बालपन की दृष्टिहीनता के कई कारण हैं। इनमें पहला कारण विटामिन ए की कमी शामिल है। उन्होंने बताया कि आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्व विटामिन ए है। इसकी कमी होने पर बच्चों को रतौंधी रोग (रात में कम दिखाई देना) हो जाता है।
इस रोग में आंखों के पुतली के किनारे सफेद हिस्से पर भूरे खुरदरे और उभरे चकते दिखाई देने लगते हैं। इससे आंख की पारदर्शी कॉर्निया को क्षति पहुंचाती है और वह सफेद हो जाती है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष मित्तल ने बताया कि विटामिन ए की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन ए में भरपूर आहार जैसे कि गाजर, पपीते, दूध, अंडे व ताजी हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं की पर्याप्त मात्रा में इनका सेवन करना चाहिए। मां का दूध नवजात शिशु के पोषण और विटामिन ए की संपूर्ण मात्रा के लिए आवश्यक है। पहले दिन से ही मां अपने शिशु को अपना दूध अवश्य पिलाएं। इस मौके पर नेत्रदान काउंसलर सुमन, उर्मिला बिरला, किरण, अशोक राणा व विकास मौजूद रहे।
[ad_2]
Karnal News: जन्मजात अंधता का प्रमुख कारण बनती जा रही विटामिन ए कमी