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मीडिया रिपोर्ट में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के बयान में बताया गया है कि 18 साल की मनीषा की हत्या करने के बाद शव को घटनास्थल पर फेंका गया है. क्योंकि 11 अगस्त को ही मनीषा की हत्या कर दी गई थी और उसकी बॉडी सड़ने लग गई थी. 13 अगस्त को मनीषा की लाश मिली थी.
उधर, मामले के भड़कने के आसार बन गए हैं. शनिवार को सिंघानी में परिजन और ग्रामीणों के धरने पर सत्ता और विपक्ष के नेताओं के आने का सिलसिला लग गया है. शनिवार को पूर्व कृषिमंत्री जयप्रकाश दलाल, पूर्व विधायक सूखबीर मांढी, लोहारू से कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया, पूर्व विधायक सोमबीर सिंह, कांग्रेस जिला ग्रामीण अध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी सहित अन्य नेता मौके पर पहुंचे हैं. मामले को किसान नेता रवि आजाद ने भी धरना पर पहुंच कर समर्थन दिया. इससे पहले, शुक्रवार को दिनभर धरना चलता रहा. अब तक तीन दिन बाद भी आरोपियों का सुराग पुलिस लगा नहीं पाई है.
11 अगस्त को मनीषा प्ले वे स्कूल के पास ही कॉलेज में बीएससी में दाखिला लेने के लिए गई थी. लेकिन बीच में ही लापता हो गई. इस बीच उसका फोन भी बंद हो गया था. बाद में बीच बीच में फोन ऑन और ऑफ हुआ. परिजनों ने जब पुलिस को बेटी के गुमशुदा होने की शिकायत दी तो पुलिस ने खोजने के बजाए कहा कि किसी के साथ भागकर शादी कर ली होगी और घर लौट आएगा. मामले पर ग्रामीणों और परिजनों का गुस्सा भड़का तो उन्होंने नागरिक अस्पताल में धरना दिया था. भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सांसद धर्मबीर सिंह और पूर्व एसपी मनबीर सिंह भी मौके पर आए थे, लेकिन पुलिस की तरफ से इस बारे में कोई बयान नहीं दिया गया. उधर, शुक्रवार देर शाम को नायब सैनी सरकार ने एसपी मनबीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया और एसएचओ, लेडी एएसआई सहित पांच पुलिस कर्मियों को लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर दिया था.
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