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परशुराम चौक के समीप भरे पानी से गुजरते वाहन चालक और लोग।
चरखी दादरी। जिले में बुधवार को बदरा जमकर बरसे। दादरी शहर की बात करें तो इस मानसून सीजन की सर्वाधिक 60 एमएम बारिश दर्ज की गई। मानसून की पहली झमाझम बारिश के बाद शहर में गत वर्ष जैसी स्थिति बन गई। सड़कों पर दो से ढाई फुट तक पानी भर गया जिससे 100 करोड़ की परियोजनाओं पर सवालिया निशान लगे।
बुधवार को दादरी के अलावा बाढड़ा, बौंदकलां व झोझूकलां में मध्यम से तेज बारिश दर्ज की गई। शहर की बात करें तो सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक लगातार झमाझम बारिश हुई। तीन घंटों के अंदर करीब 60 एमएम बारिश दर्ज की गई और शहर की सीवर व बरसाती पानी की लाइनें इस पानी का अतिरिक्त दबाव नहीं झेल पाई। कई निचले इलाकों में पानी भर गया जबकि परशुराम चौक के समीप कुछ दुकानों के अंदर तक पानी घुस गया।
बारिश होने से जहां लोगों को गर्मी व उमस से राहत मिली, वहीं जलभराव के कारण दिक्कतें भी झेलनी पड़ी। बारिश रुकने के सात घंटे बाद तक सड़कों व गलियों से पानी की निकासी नहीं हो पाई जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, जलभराव के बाद शहरवासियों ने हाल ही में पूरी हुई सीवर व बरसाती पानी निकासी की परियोजनाओं पर सवाल उठाए। शहर निवासी संदीप, जयभगवान, रामकुमार, दिनेश मुंजाल, प्रतीक, शमशेर व दीपक आदि का कहना है कि प्रशासन जलभराव से शहर को बचाने के लिए 100 करोड़ से ज्यादा का बजट खर्च कर चुका है, लेकिन इसका फायदा धरातल पर कतई नजर नहीं आया। मानसून की पहली झमाझम बारिश में ही व्यवस्थाएं बेपटरी हो गईं और प्रशासन इंद्रदेव की परीक्षा में फेल हो गया।
29 साल पहले दादरी में आई थी बाढ़
बता दें कि सितंबर 1995 में दादरी जिले में बाढ़ आई थी। बुधवार को लोगों को शहर की सड़कों पर जलभराव होने से 29 साल पुराना मंजर याद आ गया।
सभी मुख्य सड़कों व गलियों में भरा पानी, बंद पड़े वाहन
बुधवार की बारिश से शहर के दिल्ली रोड, मुख्य बाजार, लाला लाजपतराय चौक, रोहतक चौक के समीप, रोहतक रोड, जांगड़ा मार्केट, कोर्ट रोड, एमसी कॉलोनी समेत विभिन्न वार्डाें की गलियों में जलभराव हुआ, जिससे लोगों को दिक्कतें हुईं। मुख्य सड़कों पर पानी भरने से दुपहिया वाहन बंद पड़ गए जिन्हें चालक धक्का लगाकर बाहर निकालते नजर आए।
जाम में फंसे रहे वाहन चालक
बारिश के चलते शहर की मुख्य सड़कों पर जलभराव होने से वाहन रेंगकर चले। इसके चलते ज्यादातर सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही। परशुराम चौक की बात करें तो हर दस मिनट बाद जाम लगा और पुलिसकर्मियों की मुस्तैदी के बाद भी हालात में सुधार नहीं हुआ।
खेती के लिए फायदेमंद है बारिश
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो बारिश खेती के लिए फायदेमंद है। इससे ज्वार, कपास, धान, मूंग व बाजरा समेत सब्जियों में फायदा होगा। इससे किसानों की सिंचाई बचेगी और फसल जल्द पककर तैयार होगी।
डिस्पोजल प्वाइंट की मोटरें बंद, जोहड़ पानी से लबालब
बता दें कि 60 फीसदी शहर का पानी डूंगरवाला जोहड़ में जाता है। बुधवार को बारिश के दौरान संवाददाता यहां पहुंचा तो डिस्पोजल की मोटरें बंद मिलीं। वहीं, डूंगरवाला वाला जोहड़ पानी से लबालब मिला जबकि पानी उठान की प्रक्रिया बंद मिली।
यह बारिश खेती के लिए फायदेमंद है। इससे फसलों के पकाव में आसानी होगी जबकि किसानों को सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। – डॉ. चंद्रभान श्योराण, कृषि विशेषज्ञ।
पानी की मोटरें चला दी गई हैं और पानी की निकासी की जा रही है। बुधवार देर रात या वीरवार सुबह तक सभी जगहों से पानी की निकासी हो जाएगी।
रामपाल, एसडीओ, जनस्वास्थ्य विभाग
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