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केंद्र सरकार ने एक बार फिर साफ किया है कि पूरा चंडीगढ़ हेरिटेज सिटी घोषित नहीं है। सिर्फ सेक्टर-1 से लेकर सेक्टर-30 तक और कुछ इमारतें ही संरक्षित सूची में शामिल हैं।
लोकसभा में शहर के सांसद मनीष तिवारी के सवाल पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने यह जानकारी दी और चंडीगढ़ हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी (सीएचसीसी) के गठन, कामकाज और अब तक हुई बैठकों का ब्यौरा भी पेश किया।
हेरिटेज की आड़ में कई प्रोजेक्ट किए गए खारिज
यूटी प्रशासन के अधिकारियों की तरफ से कई बार हेरिटेज की आड़ में कई प्रोजेक्ट को खारिज कर दिया जाता है। हेरिटेज कमेटी भी कई प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डाल देती है। ऐसी कई शिकायतें सांसद तिवारी के पास पहुंची थी, जिसके बाद उन्होंने संसद में पूछा कि हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की कानूनी स्थिति क्या है और यह किस विशेष कानून के तहत बनाई गई है।
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तिवारी ने सवाल उठाया कि जब संस्कृति मंत्रालय ने 3 फरवरी 2025 के एक संसदीय प्रश्न के जवाब में कहा था कि चंडीगढ़ को हेरिटेज सिटी के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है तो ऐसे में इस हेरिटेज कमेटी को जारी रखने के पीछे क्या तर्क और कानूनी आधार है। उन्होंने कमेटी की स्थापना के बाद से अब तक की बैठकें और उपलब्धियों का विवरण भी मांगा। इसका जवाब केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने दिया।
एक्सपर्ट हेरिटेज कमेटी की रिपोर्ट पर बनी सीएचसीसी
मंत्री ने बताया कि सीएचसीसी का गठन चंडीगढ़ प्रशासन ने 20 अप्रैल 2012 को अधिसूचना जारी कर किया था। यह गठन गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद एक्सपर्ट हेरिटेज कमेटी की रिपोर्ट पर आधारित था। रिपोर्ट में शहर के फेज-1 (सेक्टर 1 से 30) को हेरिटेज दर्जा देने की सिफारिश की गई थी। इसमें 13 हेरिटेज जोन और कई इमारतें ग्रेड-एक, दो और तीन में उनकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और अनोखी वास्तुकला के आधार पर चिन्हित की गईं।
सीएचसीसी का मुख्य काम इन स्थलों का संरक्षण और रखरखाव करना है। मंत्री ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी एक फैसले में कहा है कि किसी भी सरकारी आवासीय, संस्थागत क्षेत्रों के पुनर्विकास या नियम-कानून बनाने के मामलों में हेरिटेज कमेटी की मंजूरी आवश्यक होगी। बता दें कि इस कमेटी ने अब तक 25 बैठकें की हैं।
सेक्टर-17 की प्लानिंग, पीयू-पीजीआई का मास्टर प्लान सीएचसीसी ने किया तैयार
- सीएचसीसी ने कैपिटल कॉम्प्लेक्स के लिए ट्रांस बॉर्डर सीरियल नॉमिनेशन डोजियर को तैयार किया, जिससे अगस्त 2016 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला
- पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट परिसर के संरक्षण से जुड़े कार्यों की निगरानी
- सेक्टर-17 सिटी सेंटर की पूरी प्लानिंग, सौंदर्यीकरण, जिसमें अंडरपास निर्माण, सेंट्रल प्लाजा का नवीनीकरण और भवनों के फ्रंट की मरम्मत शामिल है
- सेक्टर-1 से लेकर 30 तक के सरकारी मकानों में बदलाव और एक समान नीति बनाना
- पीजीआई और पंजाब यूनिवर्सिटी का मास्टर प्लान तैयार करना
- सेक्टर-19 स्थित ली कोर्बुजिए सेंटर का पुनर्स्थापन
- सेक्टर-18 स्थित प्रेस बिल्डिंग में इंडियन एयर फोर्स म्यूजियम की स्थापना
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पूरा चंडीगढ़ हेरिटेज नहीं: सांसद मनीष तिवारी के सवाल पर केंद्र का जवाब, कुछ इमारतों को ही दिया है दर्जा


