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आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में शामिल 20 निजी अस्पताल ने पात्रों का वीरवार से उपचार उपचार बन्द कर दिया है। इसको लेकर आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) की तरफ से फैसला लिया गया है। आईएमए के प्रेस सचिव डॉक्टर पवन मेहता का कहना है कि सरकार के साथ जो अनुबंध है 15 दिन में क्लेम का भुगतान होना चाहिए। लेकिन दो-दो साल तक क्लेम का भुगतान नहीं किया जा रहा है इससे अस्पतालों को परेशानी हो रही है
जिले में है करीब 6 लाख पात्र
आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले में करीब 6 लाख पात्र शामिल है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में दूरबीन से पित्ते की थैली ऑपरेशन, बच्चे दानी ऑपरेशन, मोतियाबिंद ऑपरेशन व सांस बीमारी संबंधित उपचार बंद किए जा चुके है। जबकि नागरिक अस्पताल में मोतियाबिंद के अलावा अन्य ऑपरेशन की सुविधा नहीं है।
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