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Haryana: भाजपा-कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ सकते हैं क्षेत्रीय गठबंधन, अंबाला शहर से ये दावेदार हैं चर्चा में Latest Haryana News

Haryana: भाजपा-कांग्रेस का समीकरण बिगाड़ सकते हैं क्षेत्रीय गठबंधन, अंबाला शहर से ये दावेदार हैं चर्चा में Latest Haryana News

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वैभव शर्मा, अंबाला (हरियाणा)
Published by: नवीन दलाल

Updated Sat, 31 Aug 2024 08:37 AM IST

अंबाला में यदि बात करें मुलाना (आरक्षित) विधानसभा सीट की तो यहां कांग्रेस से पूर्व फूलचंद मुलाना का दबदबा रहा है। यहां से वह खुद भी विधायक और मंत्री रहे हैं तो उनके बाद बेटे वरुण चौधरी भी यहां से विधायक बने। अब वह सांसद भी चुने गए हैं।



भाजपा और कांग्रेस
– फोटो : संवाद

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अंबाला की चारों विधानसभाओं में इस बार का चुनाव फंसा नजर आ रहा है। इस बार क्षेत्रीय दल और उनके गठबंधन वोट बैंक के साथ राष्ट्रीय पार्टियों का समीकरण बिगाड़ सकते हैं। हालत यह है कि एक तरफ जजपा और आजाद समाज पार्टी तो दूसरी तरफ इनेलो-बसपा का गठबंधन प्रत्याशी उतारने को तैयार है। ऐसे में भाजपा ही नहीं कांग्रेस को दिक्कत होगी, क्योंकि ये दोनों दल जाट और अनुसूचित वर्ग के मतदाता को टारगेट करते आए हैं।

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ऐसे में ये मतदाता क्षेत्रीय दलों की ओर गए तो कांग्रेस के लिए मुसीबत होगी। वहीं अगर राष्ट्रीय दलों में भाजपा की बात करें तो वह मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सीएम बनाने के बाद से ओबीसी वर्ग पर फोकस कर रही है तो कांग्रेस पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा के माध्यम से जाट और अनुसूचित जाति के वर्ग पर फोकस कर रही है। प्रदेश में जो दो गठबंधन हुए हैं वह दोनों ही जाट और एससी वोटरों में ही सेंधमारी करेंगे। इसमें सबसे बड़ा नुकसान विपक्षी दल कांग्रेस को होता नजर आ रहा है।

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