in

लॉरेंस इंटरव्यू केस में पत्रकारों पर कार्रवाई नहीं: HC के FIR दर्ज करने के आदेश पर SC से राहत; पंजाब-राजस्थान सरकार को नोटिस – Amritsar News Chandigarh News Updates

लॉरेंस इंटरव्यू केस में पत्रकारों पर कार्रवाई नहीं:  HC के FIR दर्ज करने के आदेश पर SC से राहत; पंजाब-राजस्थान सरकार को नोटिस – Amritsar News Chandigarh News Updates

[ad_1]

जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू लेने वाले पत्रकारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने ये आदेश दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट पंजाब एवं हरियाणा हाई

.

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल थे। इसमें फैसला लिया गया कि पत्रकार के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा। दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट ने बिश्नोई के इंटरव्यू के संबंध में FIR दर्ज करने और आईपीएस अधिकारी प्रबोध कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच कमेटी से जांच कराने का आदेश दिया था।

नोटिस जारी करने के साथ दिया आदेश

लॉरेंस 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपियों में से एक है। पिछले साल मार्च में एक निजी समाचार चैनल ने लॉरेस बिश्नोई के दो इंटरव्यू प्रसारित किए थे। आज मुख्य न्यायाधीश ने निजी चैनल और सीनियर पत्रकार द्वारा दायर रिट पर नोटिस जारी किया। साथ ही मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि पत्रकार का उद्देश्य अपराधियों को बेनकाब करना था, लेकिन जेल परिसर के भीतर इंटरव्यू आयोजित करना जेल के नियमों का गंभीर उल्लंघन है।

चीफ जस्टिस ने कहा कि एक हद तक, शायद मुवक्किल ने इंटरव्यू की मांग करके जेल के कुछ नियमों का उल्लंघन किया हो। लेकिन यह तथ्य कि यह जेल में भी हो सकता है, एक बहुत गंभीर मामला है।

पत्रकार का तर्क, बताया- जेल से गैंगस्टर कैसे बना रहा संपर्क

इस पर याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि पत्रकार ने खोजी पत्रकारिता के हिस्से के रूप में एक स्टिंग ऑपरेशन किया। जिसमें दिखाया गया कि कैसे लॉरेंस कनाडा में गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के संपर्क में था और काले हिरण केस के मद्देनजर सलमान खान के खिलाफ हमले की साजिश रच रहा था।

चीफ जस्टिस ने सवाल उठाया कि क्या इससे जेल प्रतिबंधों के उल्लंघन को उचित ठहराया जा सकता है और क्या इससे उच्च न्यायालय द्वारा जेलों में सुरक्षा खतरों पर उठाई गई चिंताओं को नकारा जा सकता है।

समस्या और तथ्य यह है कि आप जेल तक एक्सेस हासिल कर लेते हैं और जेल से इंटरव्यू करते हैं, क्या आप ऐसा कर सकते हैं? क्या हम कह सकते हैं कि उच्च न्यायालय गलत है? कारावास के अपने कुछ प्रतिबंध हैं।

खोजी पत्रकारिता का जिक्र करते हुए रोहतगी ने जवाब दिया कि अगर आप मैसेंजर को ही मार देंगे तो गलतियों को कौन उजागर करेगा? फिलहाल न्यायालय ने मामले में नोटिस जारी किया है और पंजाब और राजस्थान राज्यों के साथ-साथ केंद्र से भी जवाब मांगा।

जेल में मोबाइल प्रयोग पर सुओ-मोटो लिया था

हाई-कोर्ट ने जेल परिसर में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल से संबंधित मामले पर सुओ-मोटो लिया था। जिसके बाद कोर्ट ने आदेश पारित कर लॉरेंस के साथ-साथ इंटरव्यू करने वाले पत्रकार पर भी कार्रवाई को कहा था। कोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई के टीवी इंटरव्यू की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था ताकि अधिकारियों की मिलीभगत का पता चल सके।

[ad_2]
लॉरेंस इंटरव्यू केस में पत्रकारों पर कार्रवाई नहीं: HC के FIR दर्ज करने के आदेश पर SC से राहत; पंजाब-राजस्थान सरकार को नोटिस – Amritsar News

पेरिस में पहली बार लहराया तिरंगा, अवनि लेखरा ने पैरालंपिक में भारत को दिलाया पहला गोल्ड, इमोशनल कर देगा ये वीडियो Today Sports News

पेरिस में पहली बार लहराया तिरंगा, अवनि लेखरा ने पैरालंपिक में भारत को दिलाया पहला गोल्ड, इमोशनल कर देगा ये वीडियो Today Sports News

खौफ में गुजरती है डॉक्टरों की नाइट शिफ्ट, हथियार रखने की जरूर होती है Health Updates

खौफ में गुजरती है डॉक्टरों की नाइट शिफ्ट, हथियार रखने की जरूर होती है Health Updates