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कुरुक्षेत्र। जत्थेदार भूपिंद्र सिंह असंध को फिर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की कमान सौंपी गई है। उनके साथ ही 11 सदस्यीय कार्यकारिणी व अन्य पदाधिकारी भी बनाए गए हैं, जिन पर जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में सचिवालय हॉल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से मुहर लगाई गई। जत्थेदार भूपिंद्र असंध को यह लगातार दूसरा मौका मिला है। वे सन 1996 से लगातार शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के सदस्य रहे हैं।
बुधवार को उपायुक्त कार्यालय में हुई विशेष बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा नामित 41 में से 40 सदस्य पहुंचे, जिन्होंने जिला उपायुक्त सुशील सारवान की अध्यक्षता में कमेटी के प्रधान व कार्यकारिणी का चयन किया। भूपिंद्र सिंह असंध को प्रधान बनाए जाने के साथ ही अंबाला से सुदर्शन सिंह सहगल को वरिष्ठ उपप्रधान, कुरुक्षेत्र से बीबी रविंदर कौर अजराना को कनिष्ठ उपप्रधान, सुखविंदर सिंह मंडेबर को महासचिव, गुलाब सिंह मूनक को संयुक्त सचिव चुना गया। इसके अलावा कार्यकारिणी सदस्य के रूप में जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, परमजीत सिंह मक्कड़ कुरुक्षेत्र, जगसीर सिंह मांगेआना, तरविंदरपाल सिंह अंबाला, बीबी परमिंदर कौर जींद, गुरप्रसाद सिंह फरीदाबाद को चयनित किया गया।
बैठक के बाद सभी पदाधिकारी व सदस्य गुरुद्वारा छठी पातशाही में पहुंचे जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के समक्ष नतमस्तक होने के उपरांत जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने सभी का सम्मान किया और सिख कौम एवं संस्था के हित में कार्य करने का आह्वान किया। इस मौके पर कंवलजीत सिंह अजराना, नरेंद्र सिंह गिल, मुख्य सचिव जसविंदर सिंह दीनपुर, सचिव सर्वजीत सिंह जम्मू, अतिरिक्त सचिव राजपाल सिंह दुनियामाजरा, सतपाल सिंह ढाचर, नरेंद्र सिंह, कुलदीप सिंह भानोखेड़ी, उप सचिव रूपिंदर सिंह, अमरिंदर सिंह धंतौड़ी, आईटी विंग प्रभारी हरकीरत सिंह, सतनाम सिंह तखर, मैनेजर हरमीत सिंह समेत अन्य कर्मी भी मौजूद रहे।
30 को होगी पहली बैठक : असंध
प्रधान भूपिंद्र सिंह असंध व अन्य पदाधिकारी कमेटी मुख्यालय पहुंचे और एक-दूसरे को बधाई दी। प्रधान भूपिंद्र असंध ने पत्रकारों से चर्चा में अपनी नियुक्ति पर सभी सदस्यों का आभार जताया तो कहा कि संस्था के अधीन आने वाले गुरुद्वारा साहिबान में शेष रहते कार्यों को शीघ्र ही पूरा किया जाएगा। कार्यकारिणी की पहली बैठक 30 अगस्त को होगी, जिसमें विभिन्न एजेंडों पर चर्चा की जाएगी तो अब तक चल रहे कार्यों पर भी विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके पिछले कार्यकाल में भी अनेक कार्य किए गए तो संस्थानों का बेहतर प्रबंधन किया। यही कारण है कि आज संस्थान के बैंक खातों में 40 से 50 करोड़ रुपये हैं जबकि पहले ये खाली ही होते थे।
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Kurukshetra News: भूपिंद्र सिंह असंध फिर बने एचएसजीएमसी के प्रधान, सुखविंद्र मंडेबर महासचिव