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Delhi Jam Free News- राजधानी दिल्ली में रोजाना आने जाने वालों की सबसे बड़ी समस्या जाम रहती है. सुबह और शाम कई घंटे जाम में फंस कर बर्बाद होते हैं. लेकिन अब खुश होने का समय आ गया है. बस एक साल का इंतजार करना…और पढ़ें
लोगों को जाम में नहीं फंसना होगा.
हाइलाइट्स
- जाम से राहत देने के लिए तीन प्रोजेक्ट हो रहे हैं तैयार
- तीनों अगले साल तक हो जाएंगे पूरे
- इससे राजधानी के साथ आसपास के राज्यों को भी फायदा
राजधानी में ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या से राहत दिलाने के लिए डबल इंजन की सरकार यानी केन्द्र और दिल्ली ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया है. इसके तहत तीन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. पहला अर्बन एक्सटेंशन रोड-दो का एक्सटेंशन, द्वारका एक्सप्रेसवे से नेल्सन मंडेला रोड तक सड़क और टनल तथा तीसरा दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का विस्तार (एनई-5) तीनों पर काम तेजी से चल रहा है. इनके निर्माण में अनुमानित लागत लगभग 9,100 करोड़ रुपये है और 2026 तक पूरा करने की डेडलाइन तय कर दी गयी है.
अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (यूईआर-II) को दिल्ली के अलीपुर से दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के ट्रॉनिका सिटी के पास दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (NH-709बी) तक जोड़ा जाएगा. यह 17 किलोमीटर की रोड होगी. जिसकी लागत 3,350 करोड़ रुपये आएगी. यह रास्ता हरियाणा और राजस्थान से देहरादून जाने वाले वाहनों के लिए विकल्प होगा, जिससे रिंग रोड और एनएच-44 पर दबाव कम होगा. इसके 2026 तक पूरा होने की संभावना है.
द्वारका एक्सप्रेसवे से नेल्सन मंडेला मार्ग तक टनल का निर्माण किया जा रहा है. द्वारका एक्सप्रेसवे (शिव मूर्ति, महिपालपुर के पास) से वसंत कुंज के नेल्सन मंडेला मार्ग तक 5 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सड़क टनल बनाई जाएगी. इसमें लगभग 3,500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यह टनल दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में ट्रैफिक की भीड़ को कम करेगी और आईजीआरई आना जाना आसान हो जाएगा. इसकी डेडलाइन भी 2026 तय की गयी है. यह रोड पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड जाने वाले के लिए विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा.
तीसरा प्रोजेक्ट दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (एनई-5) का एक्सटेंशन है. इसे कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे से दिल्ली और हरियाणा में अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (एनएच-344एम) तक बढ़ाया जाएगा. यह 20 किलोमीटर लंबी रोड होगी, जिसकी जागत 2,500 करोड़ रुपये आएगी. इससे दिल्ली, गुरुग्राम और आईजीआई की ओर आने जाने वालों को राहत मिलेगी. इसकी डीपीआर सितंबर-अक्टूबर 2025 तक करने और निर्माण पूरा करने की डेडलाइन 2026 रखी गयी है.
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